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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान बीकानेर ओर राधेश्याम सुन्दर देवी तंवर परिवार के संयुक्त तत्वाधान में बालसंत श्रीछैल बिहारी जी महाराज के मुखारविंद से धावङियों के मोहल्ले के बाबा रामदेव मंदिर के पास मे तंवर परिवार द्वारा कथा वाचन जारी है।जिसमे आज व्यास तिलक ओर भागवत पूजन”राधेश्याम तंवर परिवार द्वारा व्यास तिलक ओर भागवत पुराण पुजन विधिवत पन्ङित विकल्प गोस्वामी व नितेशआसदेव द्वारा करवाया गया।तत्पश्चात आज की कथा वाचन करते हुवे बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने सजीव झांकियो सहित कृष्ण रुक्मणी विवाह का प्रसंग विस्तृत रुप मे बतलाया।ओर कृष्ण सुदामा के मित्रता की कथा बताते हुए कहा कि स्वार्थपूर्वक की गयी मित्रता की अवधि लम्बी नही होती। जीवन मे मित्र बनाओ तो सोचसमझकर बनाओ। क्योंकि मित्रता ही दुनियां का अनमोल रिश्ता माना गया है। जो कि जीवात्मा धरती पर आकर स्वयं अपने व्यवहार एवं प्रेम द्वारा बनाता है। तत्पश्चात बाल संत ने राजसूय यज्ञ’ सुखदेव द्वारा राजर्षि परीक्षित को शरीर व आत्मा के भेद का बोध करवाकर मोक्ष की परिभाषा बतलाने की कथा बतलाई गयी। बालसंत ने बताया कि “‘प्राणी का जगत मे जीवन के रहते मोह का क्षय होना व अनासक्त जीवन जीना ही सच्चा मोक्ष कहलाता है”। तत्पश्चात बालसंत ने नवयोगेश्वर संवाद,दत्तात्रेय यदु महाराज का प्रसंग,ओर 24 गुरुओं की कथा बताई।बालसंत ने कहा दुख पीङा ओर असफलता से पिङित प्राणियों के लिये संसकार ओर सदमार्ग का दिखलाने वाला केवल मात्र साधन ‘गुरु का आश्रय, ही आखिरी दुख निवारणओषधि है।अगर संसार के समस्त पुरुषार्थ प्राप्त करने की मंशा रखते हो तो हर जीव माता पिता व गुरु का सदेव आदर करे। क्योकि माता पिता का आशीर्वाद ओर गुरू ही वह प्रकाशपुंज हे,।जो कि शिष्य को अंधकार ओर मायावी संसार चक्र से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाने का जो मार्ग प्रशस्त करता है,।सच्चा गुरु वह जो शिष्य को संसार सागर पार का बोद्ध करवाये।।उपरोक्त जानकारी देते हुए संस्थान के हरिकिशन नागल ने बताया कि। कल कथा की पुर्णाहुति होगी। कथा मे रामनिवास तावणिया,शंकर, राहुल, लाला,मगराज भवानीशंकर तंवर देवकिशन गैपाल,आदि अपनी सेवाकार्य मे सेवा दे रहे हे।

जय श्रीकृष्ण

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