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बीकानेर। सादुलगंज कच्ची बस्ती हटाने के प्रकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कच्ची बस्ती को राहत प्रदान करते हुए स्टे के आदेश दिए।सादुलगंज योजना नगर विकास न्यास की है। इसमें आवासीय और व्यवसायिक भूखण्डों पर भवन निर्माण किया हुआ है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के आगे की सड़कों पर अतिक्रमण हटाने और योजना के खुले क्षेत्र में बने पक्के आवासीय निर्माण तोडऩे के लिए नगर विकास न्यास ने तैयारी कर रखी थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन और नगर विकास न्यास को आदेश दिए हुए है। दूसरी तरफ आवासीय अतिक्रमणों को टूटने से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलबी दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसएलबी पर सुनवाई की। जिसमें कोर्ट ने मामले में कच्ची बस्ती के लोगों का पक्ष भी सुनने तक यथास्थिति के आदेश दिए है। पार्षद मनोज विश्नोई का कहना है कि हम लोग लंबे समय से इस क्षेत्र में रह रहे हैं। यह कच्ची बस्ती थी। लेकिन नगर विकास न्यास ने इस पर मास्टर प्लान जारी कर दिया और गलत तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगी। वश्नोई ने बताया मोहल्ले वासियों की एकता का कारण सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी गई और सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही पैरवी करके पट्टे जारी कराने के आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा कराएंगे पार्षद मनोज बिश्नोई सभी मोहल्ले वासियों और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं को आभार प्रकट किया।

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