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बीकानेर,देवीकुंड सागर के कला कोठी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा मेंश्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन धूमधाम से नंद उत्सव मनाया गया। कृष्ण अवतार होते ही महिलाएं खुशी से झूम उठीं और पूरा माहौल कृष्णमय हो गया।
करपात्री स्वामी निरंजन देव तीर्थ कीर्ति प्रन्यास,राम लक्ष्मण भजनाश्रम के अधिष्ठाता दंडी स्वामी श्रीधरानंद जी सरस्वती ने कृष्ण जन्म की कथा सुनाकर भक्तों को भावविभोर कर दिया। कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कान्हा के जन्म के साथ कथा स्थल में नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की नंदलाल प्रगट भये आजु बिरज में लड्डुवा बंटे सरीखे भजनों ने श्रद्धालुओं को झूम झूमकर नाचने पर मजबूर कर दिया। महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण इस धरती पर धर्म की रक्षा के लिए आए थे। अधर्म की नीति का समाप्त करने के लिए भगवान खुद ही पृथ्वी पर आते हैं। उन्होंने कहा कि अनीति, अत्याचार, पाप, अनाचार और षडयंत्र कभी सफल नहीं होते हैं। यह क्षणिक होते हैं। लेकिन सद्चार, परोपकार, सद्कर्म, न्याय और नीति हमेशा स्थाई होते हैं। इंसान का जीवन इन्हीं आचारणों के करीब होना चाहिए। कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार हैं। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वोपरी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान विष्णु किसी किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं। कैलाश आचार्य ने बताया रासलीला में तीसरे दिन कालिया नाग के फन पर कृष्ण के नृत्य की लीला को देखने के लिए लीला प्रेमियों की भीड़ उमड़ पड़ी। नगर के रामलीला प्रांगण में आयोजित रासलीला के तीसरे दिन कालिया नाग के मान मर्दन की लीला का मंचन किया गया। वृन्दावन से आए कलाकारों ने शानदार लीला का मंचन कर लीला प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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