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श्रीडूंगरगढ़,बीकानेर,नव वर्ष प्रतिपदा पर काव्य गोष्ठी अखिल भारतीय साहित्य परिषद की नवगठित इकाई श्रीडूंगरगढ़ द्वारा आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय के सभागार में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में बीकानेर संभाग की वरिष्ठ कवियत्री कृष्णा आचार्य “धरा से अंबर तक राम ही राम है” काव्यपाठ किया तो श्रोत्रा उनके साथ गुनगुना उठे। आचार्य ने राम को राष्ट्र रक्षा से जोड़ते हुए कहा कि भारत के कण कण में बसता सत्य सनातन राम है। उन्होंने राजस्थानी भाषा मे नववर्ष का गीत सुनाया और श्रोताओं की मांग पर अपनी प्रसिद्ध रचना “जोगिया रा दोहा” की प्रस्तुति भी दी। प्रसिद्ध कवि राजाराम स्वर्णकार ने मां की महिमा की भावभरी प्रस्तुति देकर सभी के ह्रदय में माँ के प्रति आदर का भाव भर दिया। उन्होंने माँ को कुम्भ समान बताया। स्वर्णकार ने राजस्थान दिवस पर मायड़ भाषा की बात भी उठाई। राजू शर्मा ने राष्ट्र आराधना करते हुए ओज गुण का संचार किया। शर्मा ने शहीद के गौरव को गाया और सोशल मीडिया पर प्रचार करने वाला नहीं बल्कि कर्म के प्रति कर्मठ बनने की प्रेरणा दी। कवियत्री बसंती हर्ष ने “नारी शक्ति अनीति हटाएगी इस धरा की” कविता का पाठ कर महिला शक्ति को अपना अस्तित्व दृढ़ बनाने, स्व गुणों से धरती महकाने व नारी सम्मान की प्रेरणा दी। काव्य गोष्ठी का संचालन करते हुए कवि छैलूदान चारण ‘छैल’ ने “वतन को जिंदाबाद लिखता हूं” कविता के माध्यम से देशभक्ति का जोश व उत्साह का संचार सभा में किया। उन्होंने गीत सुनाते हुए वर्तमान स्थितियों पर व्यंग्य किया और किसान के त्याग, बलिदान, तप, धीरशीलता को मीठे प्यार से ठगे जाने की बात कही। छैल ने अपनी प्रसिद्ध रचना “जयवंता रे जायेड़ा ने मायड़ भोम बुलावे है।“ पर खूब दाद बटोरी। समिति उपाध्यक्ष सरोज शर्मा ने नववर्ष पर प्रभावी कविता सुना कर खूब सराहना बटोरी। शर्मा ने आज की महिला को संबोधित करते हुए “कृष्ण ही नहीं राधा बने रक्षक यही चाहती हूं।“ की बात कही। ऊपनी के सीताराम ‘सितारा’ ने भारतीय नववर्ष प्रकृति में मानवीय अलंकार से सजी सुदंर कविता का मायड़ भाषा में पाठ किया। उन्होंने राजस्थान दिवस पर भी कविता सुनाते हुए युवाओं को अपने कंफर्ट जॉन से बाहर निकलकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। कवियत्री सपना मीणा ने “बिन बाप की बेटी बोझ बन जाती है” कविता में बेटी के भावों को पढ़ा। मीणा ने वीरांगनाओं पर भाव भरी कविता सुना कर श्रोताओं को भावुक कर दिया। श्रीडूंगरगढ़ की नव कवियत्री मनीषा सोनी ने रूठी राणी पर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। वहीं मोमासर के बाल कवि कमल प्रजापत ने राम भदावर की ओज गुण से भरी कविता की प्रस्तुति दी।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद की नवगठित इकाई श्रीडूंगरगढ़ द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर उपखंड अधिकारी उमा मित्तल शामिल हुई। मित्तल ने सभी कवियों की सराहना करते हुए उनकी हौसला अफजाई की। मित्तल ने मोबाइल के स्थान पर स्वस्थ व सृजनात्मक कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ाने आह्वान किया। गोष्ठी की अध्यक्षता मेघना शर्मा ने की और विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. महावीर पंवार व संघ संचालक आशाराम पारीक मौजूद रहें। इकाई अध्यक्ष साहित्यकार भगवती पारीक “मनु “ने स्वागत उद्बोधन दिया व सभी सहयोगियों का आभार जताया। कार्यक्रम में कंचनलता व्यास व सुमनलता ने प्रतीक चिह्न देकर अतिथियों का सम्मान किया। गोष्ठी में अनिल सोनी, प्रदीप कौशिक, भैराराम डूडी, लक्ष्मीनारायण भादू, राज सर, गौरा शर्मा, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष सुनीता डागा, मधु झाबक, दीपमाला डागा, हरीश डागा ,पवन सारस्वत नंदकिशोर, रमेश सारस्वत सहित अनेक प्रबुद्धजन शामिल हुए। सेवा धाम छात्रावास की सभी बालिकाओं व बालकों ने भी गोष्ठी का आनंद लिया।

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