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बीकानेर। रेलवे में अब छोटे उस्ताद को भी बड़ा प्लेटफार्म मिलेगा। युवाओं की सोची गई तकनीक के माध्यम से रेलवे ट्रैक पर ट्रेन दौड़ाई जाएगी। तकनीकी क्षेत्र में माहिर युवाओं को स्टार्टअप के माध्यम जोड़ा जाएगा। रेलवे द्वारा शुरू किये गये स्टार्टअप में खास बात यह है कि न केवल उनके सुझाव को सिर्फ प्रदर्शित करने के लिए कहा जाएगा बल्कि तकनीक पसंद आने पर उसे आगे बढ़ाने के लिए 50 प्रतिशत तक रकम भी रेलवे की तरफ से दी जाएगी। रेलवे उनके प्रोडक्ट के लिए बाजार भी उपलब्ध कराएगा। पत्रकारों को जानकारी देते हुए मंडल रेल प्रबंधक राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि इस नीति का उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप्स/एमएसएमई/इनोवेटर्स/उद्यमियों द्वारा भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार के लिए विकसित नवीन तकनीकों का लाभ उठाना है। साझेदारी के आधार पर नवोन्मेषक को 1.5 करोड़ रुपया भी मिलेगा। इस माध्यम से रेलवे संचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांचे में दक्षता लाएगी। श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय रेलवे में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर लंबे समय से चर्चा चल रही थी आज मूर्त रूप ले लिया है। देश के युवा नई ऊर्जा और नई सोच के साथ तरह तरह के समाधान लेकर आएंगे। पूरी पारदर्शिता रखी जाएगी। युवाओं से ना केवल पीपीटी लिया जाएगा बल्कि अगर उनका आइडिया ठीक लगा तो प्रोडक्ट बनाने में रेलवे पूरा सहयोग करेगा। इस तरह से भारत भी दूसरे देश को युवा तकनीक देगा। इसके लिए रेल मंडल प्रबंधक को भी फंड जारी करने का अधिकार मिलेगा।

उन्होनें बताया कि रेलवे जोन, मंडल ने 100 तरह की समस्याओं की पहचान की थी। इसमें मुख्य रूप से रेल फ्रैक्चर, रेल स्ट्रेस मॉनिटरिंग सिस्टम, ट्रैक इंस्पेक्शन, ट्रैक क्लीनिंग मशीन, पैसेंजर सर्विस] आमने-सामने की टक्कर समेत 11 मुख्य समस्याओं की पहचान की गई है। जिसका समाधान रेलवे स्टार्टअप के माध्यम से करेगा। युवाओं द्वारा मिलने वाले प्रोटोटाइप आइडिया का ट्रायल करेगा। सफल प्रदर्शन करने वालों को धनराशि दी जाएगी। चयन पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा। इस दौरान रेलवे के अनेक अधिकारी भी मौजूद रहे।

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