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बीकानेर,प्रदेश कांग्रेस में चल रही सियासी जंग में इस बार भी बीकानेर के तीनों मंत्री खुले तौर पर गहलोत गुट का साथ निभा रहे है। इनमें शिक्षा मंत्री डॉ.बीडी कल्ला तो गहलोत गुट के प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल है। इनके अलावा आपदा प्रबंधन मंत्री गोविन्द राम मेघवाल और उर्जामंत्री भंवरसिंह भाटी प्रदेश की सत्ता में चल रहे सियासी घमासान में गहलोत गुट के साथ मजबूती से अपनी भागीदारी निभा रहे है। जो रविवार की शाम की सीएम हाउस में बुलाई गई विधायक दल की मिटिंग के बजाय नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर आयोजित गहलोत गुट के विधायकों की मिटिंग में मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार गहलोत गुट के पक्के सिपहासालार माने जाने वाले बीकानेर तीनों मंत्री समूचे घटनाक्रम को देखते हुए शनिवार को जयपुर पहुंच गये थे। कांग्रेस आलाकमान की ओर से पार्टी के तमाम विधायकों के साथ डॉ.कल्ला,गोविन्दराम और भंवर सिंह भाटी को रविवार की शाम सीएम हाउस में रायशुमारी के बुलाई गई मिटिंग की सूचना मिल गई थी। सीएम हाउस की मीटिंग में शाम सात बजे पहुंचना था, लेकिन तीनों मिटिंग में गैर मौजूद रहे और शांति धारीवाल के आवास में आयोजित की गई गहलोत गुट के विधायकों की मिटिंग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसलिये कांग्रेस हाईकमान की ओर से की जाने वाली अनुशाहीनता कार्यवाही की हिटलिस्ट इन तीनों के नाम भी शामिल है। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब बीकानेर के तीनों मंत्रियों ने गहलोत गुट के साथ अपनी वफादारी दिखाई है। इससे दो साल पहले भी जब सत्ता पर संंकट आया और आपातकालीन हालात में कांग्रेस विधायकों की बाड़ाबंदी करनी पड़ी थी,तब भी डॉ.कल्ला,गोविन्दराम और भंवर सिंह भाटी सबसे पहले बाड़ाबंदी में पहुंचने वालों में शामिल थे।

गरमाया हुआ है सियासी माहौल
प्रदेश के सत्तायी खेमें में चल रही उठा पटक के बीच सीएम का चेहरा बदलने की खबरों को लेकर बीकानेर के कांग्रेसी हल्कों में भी सियासी माहौल खासा गरमाया हुआ है। वैसे बीकानेर कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत की लॉबी पहले सी मजबूत है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर सीएम का चेहरा बदला तो इसका सियासी तुफान बीकानेर कांग्रेस में उठता दिखाई देगा। राजनैतिक विश्ेलषकों की मानें तो प्रदेश की सत्ता में सीएम का चेहरा बदलता है तो बीकानेर इसका सीधा असर बीकानेर में भी देखने को मिलेगा। फिलहाल राजस्थान की सत्ता में बीकानेर के तीन मंत्री और चार बोर्डो के अध्यक्ष शामिल है। ऐसे में सत्ता का नेतृत्व बदलने का असर बीकानेर में भी देखने को मिल सकता है।

अब चर्चा में मंत्री पद, संगठन में भी सुगबुगाहट
प्रदेश की सत्ता बदलने की चर्चाओं के बीच बीकानेर में भी मंत्री बदलने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। साथ ही संगठन में भी बदलाव की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि यदि अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और मुख्यमंत्री नहीं रहे तो बीकानेर में भी मंत्रियों का चेहरा बदलेगा। इनमें से दो मंत्रियों का पद जाना भी तय माना है। साथ ही संगठन में नियुक्ति की बाट जोह रहे लोगों को भी सीएम बदलने का इंतजार है। ऐसे में जयपुर से दिल्ली तक की दौड़ शुरू हो गई है।

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