बीकानेर, नवाचार युक्त शिक्षा न केवल देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी अपितु उच्च शिक्षा के विकास में मददगार साबित होने के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत को नया मंच प्रदान करेगी। नि:संदेह नई शिक्षा नीति देश के शैक्षिक जगत में नए युग का सूत्रपात करेगी, जिससे हमारे भारत के युवाओं के लिए नए अवसर सृजित होंगे। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में नवाचार भारत के विश्वविद्यालयों की नवीन रुपरेखा प्रस्तुत करेंगे। सतत विकास के लिए निर्धारित यह नीति भारत की पहचान को एक जीवंत ज्ञान समाज एवं वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करेगी । भारत के जाने-माने और प्रतिष्ठीत इलेट्स टेक्नोमीडिया समूह दुवारा आयोजित उच्च शिक्षा पर आयोजित “22वें विश्व शिखर सम्मेलन” में बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रो. अम्बरीष शरण विद्यार्थी ने “उच्च शिक्षा में नवाचार” पर अपने उदगार प्रकट किये व अपना संबोधन प्रदान किया । विस्तृत जानकारी देते हुए बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया की हाल ही में देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर मंथन करने हेतु आयोजित वैश्विक सम्मलेन में प्रो. विद्यार्थी ने बतौर मुख्य वक्ता भाग लिया। जिसमे देश के विभिन्न प्रदेशो के कुलपतियों, उच्च शिक्षा के प्रतिनिधिमंडल व वरिष्ठ शिक्षाविदो सहित उच्च शिक्षा से जुड़े हितधारको ने भाग लिया।
इस अवसर पर प्रो. विद्यार्थी ने कहा की उच्च शिक्षा में नवाचार विद्यार्थियों में सृजनशीलता कौशल, ज्ञान और नैतिकता विकसित करने में सहायक सिद्ध होगा साथ ही संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में यह अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा । बदलते परिदृश्य में उच्च शिक्षा में नवाचार केंद्रित पहल की संभावनाओ को बल मिला है। मांग और आपूर्ति के बीच अंतर को पाटने के लिए, विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों में पहचान किए गए क्षेत्रों में क्षमता तथा सामर्थ्य बढ़ाने के संस्थागत नीतियों पर कार्य करने की आवश्यकता हैं। ज्ञान आधारित समाज के मौजूदा समय में ज्ञान और विज्ञान अब केवल जिज्ञासा संचालित कार्य नहीं है बल्कि इसे एक मूलभूत आवश्यकता समझा जाता है और ज़ोर दिया जाता है कि इंजीनियरिंग आविष्कारों और प्रौद्योगिकीय नवाचार के जरिए इस ज्ञान को समाज के हित में इस्तेमाल किया जाए। वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता होती है। आज नवाचार जीवन में विकास और प्रगति का पर्याय बन गया है। उच्च शिक्षा न केवल नए-नए शोधों और उनके नतीजों के लाभ उठाने के लिए लोगों को प्रभावी रूप से प्रशिक्षित करने का नवाचार एकमात्र तरीका है ।
नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार दुवारा कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया हैं, जिनका उद्देश्यविश्व स्तरीय नवाचार केंद्रों के प्रोत्साहन, बड़ी चुनौतियों के लिए उद्यमियों को प्रोरित करने, स्टार्ट-अप प्रारंभ करने और प्रौद्योगिकी संचालित क्षेत्रों में स्वरोज़गार को बढ़ावा देने के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में विकसीत करना है। आज विश्वविद्यालयों को नवाचार संवर्धन, सृजनशीलता को बढावा देना, विद्यार्थियों की उद्यमिता को प्रोत्साहित करना, सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करना, नव विचारो के क्रियान्वयन के लिए एक मंच उपलब्ध कराना जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता हैं । विश्वविद्यालयों के यह नवाचार कार्यक्रम शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण सकारात्मक परिवर्तन के साथ अभिनव और आधुनिकतम संस्थागत उच्च शिक्षा प्रणाली का सूत्रपात करेंगे । देशभर के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में नवाचार संस्कृति को व्यवस्थित रूप से बढ़ावा दिया जाना आवश्यक हैं । विद्यार्थियों में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने एवं इसके प्रति जागरूकता पैदा करने के अनुकूल माहौल बनाने और देश को नए भारत के निर्माण की दिशा में अग्रसर करने के लिए नवाचार केंद्रों की महत्ती भूमिका हैं । अब समय आ गया है कि हम अपनी शिक्षा पद्धति के बारे में पुनर्विचार करें और उसे नए सिरे से तराशें, क्योंकि हमारे पास वर्तमान में पर्याप्त साधन और शैक्षिक संसांधन हैं। हमारे पास ऐसा नेतृत्व है, जो इन तमाम बदलावों को साकार करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। हमें अपनी उच्च शिक्षा प्रणाली को इस मौलिकता के साथ तैयार करना होगा जो हमारे सामाजिक हिसाब और जरूरतों के मुताबिक हो, क्योंकि हजारों सालों से यह धरती जिज्ञासुओं व साधकों की रही है।
भारत उर्जावान युवा विद्यार्थियों से भरा हुआ देश हैं और विकास में में युवाओं की भागीदारी का मूल्यांकन किया जाना आवश्यक है, युवा शक्ति को सकारात्मक प्रेरणा और और सृजनात्मक के साथ हम उच्च शिक्षा की वैश्विक बढ़त पर कब्ज़ा जमा सकते हैं। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि हम अपनी युवा पीढ़ी को गुणवत्तापरक, नवाचार युक्त, कौशलयुक्त शिक्षा प्रदान करने में सफल हों ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार कर इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके । हमारे युवा प्रत्येक क्षेत्र में नवाचार के माध्यम से उत्कृष्टता हासिल करें। यही उत्कृष्टता देश के सामाजिक आर्थिक जीवन में प्रगति का सूत्रपात करेगी और विश्व के सबसे बड़े वृहदत्तम शिक्षा तंत्रों में से एक होने के गौरव को बढ़ाएगी। नई शिक्षा नीति नवाचारयुक्त, शोधपरक, अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ नए वातावरण का निर्माण करेगी। देश की उच्च शिक्षा नवाचारयुक्त हो गुणवत्तापरक इसी दृढसंकल्पना के साथ विश्वविद्यालयों को कृतसंकल्पित होना पड़ेगा। वर्तमान तकनीकी प्रगति के उपयोग के साथ अभिनव शैक्षिक कार्यक्रमों के सृजन एवं कार्यान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है, जिसका व्यापक प्रसार परिवर्तन की अपार संभावनाएं लिए हुए है । शैक्षिक उन्नयन से ही देश का सर्वांगीण विकास संभव है. नवाचार उन अरबों लोगों के लिए शैक्षिक अवसरों को उपलब्ध कराएगा जो समाज, राष्ट्र निर्माण में रचनात्मक भूमिका निभाते हैं । विश्वविद्यालयों को शीर्ष संस्थान के साथ मिलकर प्रायोजित शोध को बढ़ावा देने की आवश्यकता हैं, हमें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी दुनिया में आवश्यक कौशल और दक्षताओं के साथ विद्यार्थियों को सशक्त बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, प्रतिस्पर्धात्मक युग में बढ़त हासिल करने के लिए, हमें बड़े पैमाने पर एक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र बनाना चाहिए ।
नवाचार के जरिए शिक्षा व्यवस्था में आदर्श बदलाव आएगा और हम और हमारे युवा विद्यार्थी आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में सुदृढ़ शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेंगे। विकसीत शिक्षा व्यवस्था का सफल सृजन देश के हर गाँव-गाँव और ढाणी तक शिक्षा का विकास करेगी। देश में शिक्षा व्यवस्था में किए जा रहे बुनियादी बदलावों में शिक्षकों छात्रों और अभिभावकों का भी जुड़ाव होना चाहिए ।उच्च शिक्षा में नवाचारो को आज हमें अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में देखने की ज़रुरत है और हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था का वैश्विक मानको पर सही आंकलन करेगा।हमारे देश के विद्यार्थी और उनका कौशल अपार संभावनाओ से भरा हुआ है जिसे देश के समक्ष लाना आवश्यक है। शिखर सम्मलेन के सत्र समापन के अवसर पर बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने इलेट्स टेक्नोमीडिया समूह दुवारा उच्च शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर आयोजित उच्च शिक्षा के “22वें विश्व शिखर सम्मेलन” वक्ता के रूप में आमंत्रित करने के लिए आयोजन समिति का आभार प्रकट किया।