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बीकानेर,क्रिकेट सट्टे से बर्बादी का एक होश उड़ा देने वाला बड़ा मामला सामने आया है। मामला नयाशहर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। अभी तक की जानकारी के अनुसार मामला चैक चोरी कर बैंक खाते से 19 लाख 80 हजार उड़ा लेने का है। मामले में गंगाशहर पुरानी लाइन निवासी एक युवक, नयाशहर थाना क्षेत्र की एक युवती, उसकी सहेली‌ व एसबीआई बैंक की जस्सूसर गेट ब्रांच के 5-7 कर्मचारी नयाशहर पुलिस की रडार पर है।

दरअसल, 27 अप्रेल को परिवादी महावीर सारस्वत के खाते से 19 लाख 80 हजार रूपए डेबिट हो गए। अचानक इतनी बड़ी राशि निकलने से परिवादी के होश उड़ गए। उसने बैंक से संपर्क किया तो पता चला कि किसी ने यह पैसे चेक नंबर 23 के माध्यम से सेल्फ उठाए हैं। जबकि उसने चेक नंबर 23 तो किसी को दिया नहीं था। महावीर ने नयाशहर थाने में अज्ञात के खिलाफ चेक चोरी कर रूपए निकालने का मुकदमा दर्ज करवाया। मामले की जांच करते हुए पुलिस को पता लगा कि बैंक में दो युवतियां आई थी, जिनमें से एक नकाबपोश युवती ने यह राशि सेल्फ उठाई है। चौंकाने वाली बात कैशियर ने इतनी बड़ी रकम उस युवती को दे दी और उसका नकाब उतरवाकर चेहरा देखना भी मुनासिब नहीं समझा। पुलिस ने छानबीन के बाद आज परिवादी के गंगाशहर निवासी रिश्तेदार को राउंड अप किया। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में आरोपी युवक ने पैसे निकालना कबूल कर लिया है। उसके अतिरिक्त दो युवतियां भी रडार पर है। सूत्र बताते हैं कि आरोपी युवक ने गंगाशहर निवासी एक क्रिकेट बुकी के यहां दांव लगाया था। जिसमें उसके करीब 18-20 लाख रूपए लग गए। यही चुकाने के लिए युवक, युवती आदि ने योजना बनाई थी। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने सटोरिए को भी उठाया है। हालांकि नयाशहर थानाधिकारी गोविंद सिंह चारण ने अभी कुछ स्पष्ट नहीं किया है। चारण ने बताया कि 5-7 बैंक कर्मियों व युवकों सहित युवती को राउंड अप किया हुआ है। सभी से पूछताछ कर सबकी भूमिका का पता लगाया जा रहा है। थानाधिकारी के अनुसार बरामदगी कुछ भी नहीं हुई है।

बता दें कि परिवादी महावीर प्रसाद का पुत्र दुर्लभजी अस्पताल में बड़ी बीमारी का इलाज करवा रहा है। बेटे के इलाज में पिता को पानी की तरह पैसे बहाने पड़ रहे हैं। इसके बावजूद बदमाशों ने उसके खाते से इतनी बड़ी रकम निकाल ली। बताया जा रहा है कि महावीर सारस्वत के खाते में अंतिम इतने ही पैसे बचे हुए थे।
पुलिस मामले की जांच कर रही है। जल्द ही आरोपियों के नाम उजागर किए जाएंगे। मगर सवाल यह है कि अपने पुत्र के इलाज के लिए रखे पैसे उस बेबस पिता को पुलिस दिलवा पाएगी या नहीं। जबकि सभी आरोपी पुलिस के हाथ लग चुके हैं

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