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जयपुर, राज्यसभा के रण में राजस्थान में मुकाबला रोचक हो चुका है। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन और जी मीडिया नेटवर्क समूह के प्रमुख सुभाष चंद्रा ने नामांकन भर दिया है। राज्य की 4 सीटों पर होने वाले चुनावों के लिए बीजेपी ने मैदान में एक निर्दलीय प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को ना केवल रोचक बना दिया है बल्कि कांग्रेस की चिंता भी बढ़ा दी है।

राज्यसभा चुनाव (rajya sabha election) में बीजेपी के समर्थन से सुभाष चंद्रा की एंट्री हुई है। राज्यसभा चुनाव के लिए नामाकंन दाखिल करने की आखिरी तारीख पर सुभाष चंद्रा (subhash chandra) की इस एंट्री से कांग्रेस को अपनी गणित बिगड़ने की चिंता सता रही है।माना जा रहा है कि सुभाष चंद्रा को पिक्चर में लाना बीजेपी की ही चुनावी रणनीति है। चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस के विधायकों में सेंधमारी की कोशिश की जा सकती है।

माना यह भी जा रहा है कि चंद्रा को RLP, बीटीपी और माकपा विधायकों का भी समर्थन मिल सकता है। बीजेपी (bjp) के विधायकों की संख्याबल के हिसाब से एक सीट पर जीत तय मानी जा रही थी, वहीं अब दो प्रत्याशी उतारने से दोनों ही दल की तरफ से अपने विधायकों की बाड़ेबंदी करना तय माना जा रहा है। वहीं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के 3 विधायकों और अन्य निर्दलीयों को बीजेपी ने अपने साथ लेने की कवायदें शुरू कर दी है।

वैसे संख्या बल के लिहाज से देखें तो कांग्रेस 2 और बीजेपी की 1 सीट पर जीत पक्की है लेकिन तीसरी सीट के लिए मुकाबला रोचक हो सकता है। कांग्रेस के तीसरी सीट जीतने के लिए 123 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। मीडिया समूह के मालिक सुभाष चंद्रा इससे पहले एक बार हरियाणा से राज्यसभा जा चुके हैं।

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