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बीकानेर,जिले में नेशनल हाइवे से लेकर स्टेट हाइवे तक हर रोज सैंकड़ो पीकअप और ट्रैक्टर ट्रलियां चारे से ओवरलोड होकर दौड़ रही है। यदि ट्रॉली पलट जाए तो जान और माल दोनों का खतरा हो सकता है। ऐसे नजारे प्रतिदिन जिले में देखे जा रहे हैं। इनमें क्षमता से अधिक चारा भरकर परिवहन कर रहे हैं। इसकी वजह से पूरी सड़क जाम हो जाती है और वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। गजनेर हाईवे, नोखा रोड़ और पूगल रोड़ पर तो चारे से ओवरलोड इन वाहनों की रेलमपेल देख्री जा सकती है। ऐसे हालातों को रोकने में पुलिस भी विवश नजर आती है, क्योंकि चारा का उपयोग मवेशियों के लिए या फिर फैक्ट्रियों के लिए किया जाता है, लेकिन इनके परिवहन का तरीका बेहद आपत्तिजनक है और खतरनाक भी। हैरानी की बात तो यह है कि क्षमता से अधिक लोड होने के कारण चारे से भरी एक पीकअप अभी दो दिन पहले नाल रोड़ पर पलटा खा गई थी । गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। लेकिन मौके पर घंटेभर तक जाम लगा रहा है। इस तरह के मामले बीकानेर में अब आम बात हो गई है। लेकिन सिस्टम के जिम्मेदार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे है।
-बचकर निकलने में ही फायदा
जानकारी में रहे कि चारे के परिवहन के लिये ओवर लोडिंग का यह तरीका काफी खतरनाक है। ऐसे में दूसरे वाहन चालकों की जान खतरे में भी आ जाती है। इन्हे अफलातून हालात में दौड़ते देखकर कोई भी कह सकता है कि इनसे बचके ही निकलिए, अन्यथा आप अपनी हालत के लिए स्वयं ही जिम्मेदार होंगे। गंभीर बात यह भी है कि जिला प्रशासन की आंखों की सामने यह लापरवाही हो रही है और इसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मजे कि बात तो यह है कि चारे से ओवरलोड़ यह वाहन हाईवे पर थानो के सामने से गुजरते है। लेकिन पुलिस इनकी तरफ झांककर भी नहीं देखती

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