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बीकानेर,नोखा 5 शताब्दी से पर्यावरण वन्यजीवों की रक्षा करने वाले समाज की भावनाओ को आहत करने वाले निर्णय के विरोध में उपखण्ड अधिकारी को प्रधामनंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम सोपा ज्ञापन ।जिस में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा आपके नेतृत्व में नामीबिया से लाकर चितो को हिन्दुस्तान के विलुस प्रजातिको पुनः स्थापित करने के लिए छोड़ा गया है । उनके भोजन हेतु चीतल हिरण इत्यादि सीमित दायरे मे छोड़े गये हैं उससे विश्नोई समाज बहुत आहत हुआ है विश्नोई समाज 5 शताब्दियों से पर्यावरण प्रकृति एवं वन्यजीवों की रक्षा करते आये हैं श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान के दिए हुए सिद्धांतों पर करता आया है विश्व के एकमात्र समाज विश्नोई हैं जो की वन्यजीवों पर्यावरण के लिए बलिदान देते आये हैं इस समाज मे 363 शहीदों का उदाहरण सबके सामने है । जिन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए शहीद हो गए लेकिन चीतल हिरण चितो को परोसने की इस खबर से पूरा विश्रोई समाज दुःखी है इस समाज की सभी सस्थाएं साधु संत जीवरक्षा समिति महासभा दुखी हैं । वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह कोई स्थापित तथ्य नहीं है कि चिता प्रकृति के लिए अपरिहार्य है और चीतल नहीं । कृपया करके इस निर्णय पर पुनर्विचार कर वापस लिया जाए । राजस्थान में हिरणों की प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है जबकि विश्नोई समाज जीवों की रक्षार्थ प्राणों की आहुति देता आया है । इसलिए विलुप्त होती प्रजातियो को बचाया जाए। बिश्नोई समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए जीवदया समाज के गुरुजनों के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय को वापस लिया जाए।सामाजिक सगठन जन अधिकार सेना आप से निवेदन करता है की आप के द्वारा लिए गए निर्णय चीतल हिरण को चितो के सामने परोसने के सम्बंध में की इस निर्णय से पर्यावरण प्रेमी समाज जीवदया समाज की भावनाएं आहत हुई है उन की भावनाओ का समान करते हुए निर्णय वापस लिया जाए ।ज्ञापन देने वालो में प्रदेश कोषाध्यक्ष कानाराम शर्मा जिला प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद ओझा तहसील कार्यकरणी सदस्य अनिल विश्नोई एडवोकेट महावीर विश्नोई सुरेश विश्नोई मनोज सुरेश भामू शिवराज रामचन्द्र बजरंग कड़वासरा , गोविन्द छीपा ,रामकुमार पुनीत प्रकाश गोदारा आदि मौजूद रहे ।

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