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बीकानेर,नोखा, विधायक बिश्नोई ने कहा कि न्यूनतम आय की गारंटी देने की बात करने वाली सरकार बताये ग्रामीण रोजगार गारंटी का क्या हुआ, शहरी रोजगार गारंटी का क्या हुआ, किसान कर्ज माफी गारंटी का क्या हुआ, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की गारंटी का क्या हुआ, समय पर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की गारंटी का क्या हुआ,पेंशन की गारंटी का क्या हुआ, बिजली की दरें नहीं बढायेगंे की गारंटी का क्या हुआ, हर घर को नल से जोड़ने की गारंटी का क्या हुआ महिला सम्मान, दलित सम्मान की गारंटी का क्या हुआ ? सबमें सरकार फेल है और अब राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक सदन में लेकर आई । न्यूनतम आय की गारंटी का बात करने वाली कांग्रेस की सरकार जन घोषणा पत्र में जबाव देही कानून लाने का वादा किया था लगातार दो बजट में मुख्यमंत्री ने जबावदेही कानून लाने की बात की थी । लेकिन यह लाये ही नहीं किसी की जिम्मेदारी तय ही नहीं की । जबावदेही कानून के अभाव न्यूनतम आय गारंटी कानून किस तरह प्रभावी होगा । चिंता का विषय है ।

*मनरेगा योजना में कृषि आधारित गति विधियों को जोड़ा जाए*

सरकार रोजगार गांरटी की बात कर रही है जिसमें सुझाव है कि मनरेगा योजना में कृषि आधारित गति विधियों को जोड़ा जाना चाहिए । इस हेतु प्रति हेक्टेयर बीजान, फसल तैयार करना इत्यादि की दर निर्धारित करके,राजस्व विभाग की गिरदावरी के आधार पर रोजगार दिवस तय किये जाने चाहिए । ग्रामीण क्षेत्र में सभी केटेगरी के लाभार्थियों हेतु आवास निर्माण, वर्षा जल संग्रहण हेतु कुंड निर्माण, इत्यादि कार्य जिनमे सामग्री की राशि ,लाभार्थी द्वारा स्वयं वहन की जा सके, उन्हें श्रम हेतु नरेगा से प्रति लाभार्थी मानव दिवस उपलब्ध करवाये जाने का प्रावधान किया जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे कुशल श्रमिक जो किसी विशेष योग्यता में दक्षता रखते हो, उनके द्वारा स्वावलंबन के आधार पर पूरे वर्ष रोजगार पाने की दशा में यदि वो अपना जॉब कार्ड सरकार को सरेंडर करते है तो उन्हें एक मुश्त मान देय देकर उनका प्रोत्साहन बढ़ाना चाहिए। ग्राम के सरकारी विभाग में कार्यरत कार्मिक/ गांव के धन्ना सेठ यदि रोजगार की आवश्यकता की जरूरत नही बताते हुए, अपना जॉब कार्ड सरेंडर करते है ,तो उनहे सम्मान पत्र देते हुए, उनके जॉब कार्ड जमा करने चाहिए, इस से जॉब कार्ड के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा ।

*केसीसी ओवरड्यू के कारण पेंशन खाता होल्ड नही हो*

विधायक बिश्नोई ने कहा कि पेशन के लिए प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत बढाने का प्रावधान किया गया है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पेंशनधारियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । जिन किसानों ने केसीसी ले रखी है उनका किसी कारणवश ब्याज जमा नहीं या ओवरडयू है तो बैंक वाले पेंशन खातों को भी होल्ड कर देते है जिससे पेंशन का पैसा निकाल नहीं सकते है । बैंकवाले कुठाराघात करते है इसको रोका जाये । जिन पेंशनधारियों की पेंशन 75 वर्ष बाद दुगुनी होनी है जिनका डेटा सरकार के पास है तो उन्हे क्यों ई-मित्र के चक्कर काटने पड़ते है । पेंशन के भौतिक सत्यापन की स्थिति यह है कि बीकानेर जिले में 61 प्रतिशत पेंशनधारियों का भौतिक सत्यापन हुआ है । सरकार से मांग है ई-मित्र पर सत्यापन नहीं होने से अन्य तरीके से शत प्रतिशत सत्यापन करवाकर सब को पेंशन दी जाये ।
विधायक बिश्नोई ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि के तहत प्रतिवर्ष छः हजार रूपये देती है । राज्य सरकार से भी इसमें अपना अंशदान देकर किसानों को राहत देने का कार्य करें ।

*पेपर लीक की जांच सीबीआई से हो*

विधायक बिश्नोई ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के साथ लगातार अत्याचार कर रही है । पांच साल में 19 भर्तियों के पेपर लिक हुए है । सरकार ने भर्ती के लिए तैयारी की चाहे रिट भर्ती को ही देख लो सरकार ने नेट बंदी की, सीसीटीवी कैमरे लगाये, 500 किमी दूर परीक्षा सेन्टर दिये 26 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया । लेकिन सरकार ने युवाओं के साथ कुठाराघात करते हुए पेपर लीक कर दिया । युवाओं के दबाव में पेपर रद्द करना पड़ा । युवाओं के लगी पेपर फीस लौटाई जाये ।
बजट सेशन में कानून बनाया लेकिन उसके बाद भी वनरक्षक, टेक्निकल हेल्पर, काॅस्टेबल, द्वितीय श्रेणी अध्यापक का पेपर लीक हो गया है किसी अपराधी पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की ।
सरकार ने कोचिंग संस्थानों पर कोई शिकंजा कसा । कोचिंग संस्थान खुले आम चयन की गारंटी देते होर्डिंग लगा रहे । सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए । अभी हाल ही में सलेक्शन करवाने की गारंटी देते कांग्रेस सरकार का एक पूर्व मंत्री गिरफ्तार हुआ । उसके तार दो आरपीएससी मेम्बर से जुड़े होने की जानकारी मिल रही है । सरकार से मांग है कि पेपरलीक प्रकरणों की जांच सीबीआई या एनआईए से करवाई जाये ताकि दुध का दुध हो जायेगा । आरपीएससी को भंग करके पुनर्गठन का बिल भी सदन में लाया जाये ।

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