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बीकानेर,भारतीय संस्कृति एवम् सनातन सार्वभोम महासभा , श्री विप्र महासभा , ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन की ओर से आहूत 11 वे चातुर्मास पूजन अनुष्ठान व 41 वे सावन मास पूजन अनुष्ठान में समर्पित पंडित योगेंद्र कुमार दाधीच (राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय संस्कृति एवम् सनातन सार्वभोम महासभा , राष्ट्रीय संयोजक श्री विप्र महासभा , राष्ट्रीय महामंत्री ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन ) की अगुवाई में सवा लाख मन्त्रों से अभिमंत्रित की गई लक्ष्मीमाता की दिव्य व विशेष तस्वीरे सभी सनातन धर्मावलम्बियों को 108 मंदिरों सहित लक्ष्मीनाथ जी मंदिर परिसर स्थित मुख्य वितरण केंद्र से मंदिर समय सुबह सांयम वितरण की सुसंगत व्यवस्था जारी है राकेश आसोपा लीलाधर आसोपा शंकरलाल जोशी योगेश बिस्सा गोविंद लाल ओझा ओमप्रकाश तिवाड़ी गोपिकिशन स्वामी रजत दाधीच प्रवीण दाधीच संपत दाधीच ममता दाधीच मंजुलता आसोपा प्रगति आसोपा श्रेया आसोपा आदि ने वितरण केंद्र पर अपनी सेवाए दी

आयोजन प्रभारी लीलाधर आसोपा ने बताया कि पूजन अनुष्ठान में समर्पित पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच की अगवाई में सभी सनातन धर्मावलम्बियों को दीपावली के पावन पर्व पर लक्ष्मी माता की पूजा के दिव्य लाभ के उद्देश्य से शनिवार को पी बी एम हॉस्पिटल आदि में ग्रामीण क्षेत्र के भर्ती मरीजो एवं रिश्तेदारों को अभिमंत्रित तस्वीरे पूजन की थाली एवं प्रसाद सहित वितरित की गई

दीपोत्सव का छः दिवसीय अनुष्ठान लक्ष्मीनाथजी मंदिर के एक साथ 108 मंदिरों में जारी हे सामुदायिक भवन मुरलीधर व्यास नगर स्थित नरबदेश्वर महादेव मंदिर में 251 दीपो से दीपोत्सव का विशेष अनुष्ठान हुवा जिसमें योगेश बिस्सा के संयोजन में बड़ी संख्या में उपस्थित स्त्री पुरुषों ने दीपमालिका सजाई आरती की जिसमें पूजन अनुष्ठान में समर्पित पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच के साथ राकेश आसोपा योगेश बिस्सा लीलाधर आसोपा सहित सभी ने आरती की

फुटपाथ एवम् झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले सनातन धर्मावलम्बियों को दीपावली पर्व रविवार पर लक्ष्मी माता की पूजा हेतु पूजन सामग्री की थाली व प्रसाद सहित अभिमंत्रित तस्वीर भेंट करके तस्वीर की सदैव पूजा करने एवं सुरक्षित रखने की जानकारी विधान सहित दी जाएगी पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच के अनुसार लक्ष्मी माता की पूजा का यह अनुष्ठान देश प्रदेश शहर की ख़ुशहाली के अन्तर्गत अमीर ग़रीब सभी की सुख समृद्धि के पवित्र भाव से ओतप्रोत है लक्ष्मी माता के इस अनुष्ठान में सभी के सुख समृद्धि की मंगल कामना की जा रही है

अभिमंत्रित देवचित्रों का माहात्म्य –
अभिमंत्रित देवचित्रों का माहात्म्य बताते हुवे पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच ने बताया कि यह शाश्वत सत्य है कि मंत्र साधना में दिव्य शक्ति है प्रकांड ब्राह्मणों से कराई गई मंत्र साधना से जन्म पत्रिका के बुरे ग्रहों के अनिष्ट से बचा जा सकता है । मंदिरों में स्थापित होने वाली मूर्तियों की वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मंत्र साधना उपरांत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापना कराई जाती है यह प्रतिमाओं को निर्जीव से सजीव बनाने का शास्त्र सम्मत विधान है । घरों में पूजा हेतु रखी जाने वाली तस्वीरो/देवचित्रों /मूर्तियों को भी प्रकांड ब्राह्मणो द्वारा आयोजित अनुष्ठान में अभिमंत्रित कराया जाना भी अभीष्ट फलदायी रहता है । शास्त्रोंनुसार मंत्र शक्ति से तस्वीर/देवचित्रों /मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है

चातुर्मास पूजन अनुष्ठान में अभिमंत्रित देवचित्र दिव्य फलदायी है – चातुर्मास पूजन अनुष्ठान में श्रावण मास से लगातार पर्व अनुसार शिव दरबार , राधा-कृष्ण , श्री गणेश जी , दुर्गामाताजी, रामदरबार , हनुमानजी , महालक्ष्मी माता जी , भगवान श्री विष्णु के दस अवतार की तस्वीरो को सवा सवा लाख मन्त्रों से अभिमंत्रित किया गया है शास्त्रोक्त परम्परा अनुसार यह सभी तस्वीरे दिव्य फलदायी होगी । ईश्वरीय साधना में लगातार समर्पित रह करके 41 वें श्रावण मास पूजन अनुष्ठान एवं 11 वे चातुर्मास पूजन अनुष्ठान में सवा सवा लाख मन्त्रों से देवचित्रों को अभिमंत्रित किया गया है जो इस अभिमंत्रित अनुष्ठान की दिव्यता एवं विशेषता हे । घरों में अभिमंत्रित इन देवचित्रों की पूजा शास्त्रोक्त परम्परानुसार दिव्य फलदायी मानी गई है सभी सनातन धर्मावलम्बियों पर लक्ष्मी माताजी की दिव्य कृपा बरसे सभी सुखी समृद्धसाली हो इस पावन उद्देश्य से इस दिव्य व विशेष अनुष्ठान में दीपावली के पावन अवसर पर श्री महालक्ष्मी माता जी की 21000 तस्वीरे माता सरस्वती जी श्री गणेश जी सहित सवा लाख मन्त्रों से अभिमंत्रित की गई है जिनकी घरों , व्यवसाय स्थल , कार्यालयों , मंदिरों आदि में महालक्ष्मी जी माता के प्रति पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ पूजा शास्त्रोक्त परम्परा अनुसार दिव्य व विशेष फलदायी होगी
पंडित दाधीच ने बताया कि महालक्ष्मी माताजी की सवा लाख मन्त्रों से अभिमंत्रित दिव्य व विशेष तस्वीरे श्री लक्ष्मीनाथ जी मंदिर परिसर स्थित वितरण कक्ष से मंदिर समय में सुबह सांयम नि शुल्क वितरित की जा रही है जो पहले आओ पहले पाओ के आधार पर वितरित की जा रही है

पंडित दाधीच ने दीपावली के पावन अवसर पर अपनी शुभकामनाये देते हुवें सभी की सुख समृद्धि की मंगल कामनायें की है

वितरण व्यवस्था की जानकारी देते हुवे लीलाधर आसोपा ने बताया कि पूजन अनुष्ठान में समर्पित पंडित श्री योगेन्द्र कुमार दाधीच के सानिध्य में अभिमंत्रित की गई 21000 दिव्य तस्वीरो का वितरण सभी सनातन धर्मावलम्बियों को अपने घर – व्यवसाय स्थल आदि पर दीपावली को लक्ष्मी माता की पूजा हेतु लगातार भेंट / वितरित की जा रही है राकेश आसोपा रजत दाधीच प्रवीण दाधीच शंकर लाल जोशी राजेश दाधीच योगेश बिस्सा राजेश पुजारी वासुदेव पुजारी संपत दायमा ममता दाधीच मंजुलता आसोपा उमा आसोपा आदि सहित बड़ी संख्या में स्त्री पुरुषों द्वारा वितरण में सेवाए दी जा रही है

दीपावली पर छ दिवसीय अनुष्ठान में दीपोत्सव अन्नकुट आदि के अनुष्ठान होंगे जिले / शहर के 108 मंदिरों में पूजन दीपोत्सव अन्नकुट आदि के अनुष्ठान सनातन भक्तों के द्वारा अपने-अपने निवास स्थान के नजदीक स्थित मंदिरों में एक साथ किए जाएंगे
मुख्य अनुष्ठान नगर सेठ श्री लक्ष्मीनाथ जी के मंदिर में 14 नवम्बर को अन्नकुट का भोग लगाया जाएगा जिसका प्रसाद वितरण सभी भक्तों को किया जाएगा

पिछले चार माह से अधिक समय से जारी यह अनुष्ठान सनातन जागृति एवम् सनातन पर्वों को पारंपरिक रूप से सभी सनातन धर्मावलम्बियों की सामूहिक उपस्थिति व सहभागिता के पावन उद्देश्य से पूजन अनुष्ठान में समर्पित पंडित श्री योगेन्द्र कुमार दाधीच द्वारा लगातार किया जा रहा है जो शहर /प्रदेश / देश का सबसे लंबी समयावधि का लगातार होने वाला दिव्य व विशेष अनुष्ठान बन चुका है

108 मंदिरों में दिव्य होगा सामूहिक पूजन

दीपावली पर पाँच दिवसीय अनुष्ठान शहर / ज़िले के 108 मंदिरों में सनातन भक्त अपना नाम ब गोत्र के साथ संकल्प लेते हुए शहर , प्रदेश, देश की खुशहाली के साथ अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए पूजन दीपोत्सव आदि करेंगे ।

एक मंदिर की पूजा भी 108 मंदिरों की पूजा की फलदाई होगी शास्त्रों के अनुसार सामूहिक पूजन अनुष्ठान का फल शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं को मिलता है कार्तिक मास में आहूत कियें जा रहे 108 मंदिरों के सामूहिक पूजन दीपोत्सव अन्नकुट अनुष्ठान में एक मंदिर में संकल्प के साथ पूजन व आरती आदि करने वाले सनातन भक्तों को संपूर्ण 108 मंदिरों में पूजन एवं आरती आदि का दिव्य व अलौकिक फल मिलेगा

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