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बीकानेर,पीबीएम अस्पताल में भामाशाह की ओर से दिए गए करोड़ों के सामान की बेकद्री हो रही है। सामान का उपयोग लेने के बाद मरम्मत के अभाव में कबाड़ में डाला हुआ है। कबाड़ में कूलर, पंखें, एसी, पलंग, मॉनिटर सहित अनेक सामान है। इनकी रिपेयरिंग करवाकर दुबारा काम लेने के बजाय इन्हें बिल्कुल नकारा कर दिया गया है। हालात यह है कि दानदाता अब सामान देने से कतराने लगे है। ताजा उदाहरण सामने यह है कि दानदाता ने पीबीएम में खराब पड़े पंखें व स्ट्रेचर-ट्रॉली पर लाखों रुपए खर्च कर तैयार करवाई लेकिन इनका भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। इन सभी वापस कबाड़ होने के पटक दिया है। ट्रोमा में भेंट किए एसी अब तक चालू नहीं

पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भामाशाह ने मरीजों को गर्मी से राहत दिलाने के उद्देश्य से 12 एसी दान दिए थे। करीब ढाई-तीन साल पहले एसी दान में दिए। एसी को फिट करवा दिया गया लेकिन यह आज तक मरीजों को ठंडी हवा नहीं दे पाई

है। इसकी वजह है कि एसी को बिजली सप्लाई नहीं दी जा रही है, जिससे एसी बंद पड़े हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एसी चलाने से बिजली का लोड बढ़ता है इसलिए बिजली की अलग से लाइन डलवाई जा रही है। ढाई साल में अब तक बिजली की लाइन नहीं डलवाई जा सकी।

462 पंखें और 42 ट्रॉलियों को कराया तैयार

बीकानेर जिला उद्योग संघ ने हाल ही में पीबीएम अस्पताल में कबाड़ में पड़े 462 पंखें और 42 ट्रॉलियों को रंग-रोगन करवा कर तैयार करवाया। इन पंखों और ट्रॉलियों को अब तक वार्डों में नहीं लगाया गया है। ट्रॉलियां वापस खुले आसमान में पड़ी है। जबकि पंखों को वार्डों में लगवाया जा चुका है, जिनमें से करीब 22

पंखें ईएमडी विभाग में ही पड़े हैं। 70 कूलरों को मरम्मत की दरकार

ईएमडी विभाग में करीब 35 कूलर पड़े हैं, जिन्हें मरम्मत की जरूरत हैं। यह कूलर भी किसी न किसी दानदाता ने पीबीएम में भेंट किए थे। ईएमडी प्रभारी संजय तिवाड़ी बताते हैं कि बीकानेर जिला उद्योग संघ ने 462 पंखों की रिपेयरिंग करवाई है। 22 पंखों की ताड़ियां नहीं मिलने से वार्डों में लगाए नहीं जा सके। 70 के करीब कूलर हैं, जिन्हें मरम्मत की जरूरत है पूर्व में 25 कूलर तैयार करवाए थे जिनके टाटा व साड़ियां बदली गई थी लेकिन मोटर एवं पंप नहीं बदले गए थे

विभाग के कार्मिक रुचि नहीं लेते
पीबीएम में आमजन के हित में कई भामाशाह काम कराने के लिए तैयार है लेकिन कर्मचारियो के सहयोग नहीं करने से वह कतराते हैं। एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य एवं अधीक्षक काम करवाना चाहते है और भामाशाहों को प्रेरित करते हैं लेकिन संबंधित विभाग के कार्मिक रुचि नहीं लेते। हाल ही में ईएमडी विभाग से खटारा पंखों की रिपेयरिंग के लिए मांगे गए,पंखों की प्लेटें मांगी गई जो बहुत मुश्किल से मुहैया कराई गई। कार्मिकों के सहयोग नहीं करने से भामाशाह पीबीएम में काम कराने से कतराते हैं।

डीपी पच्चीसिया, अध्यक्ष बीकानेर जिला उद्योग संघ

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