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बीकानेर,मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में मिशन ‘हरियालो राजस्थान’ के तहत प्रदेश में प्रतिवर्ष 10 करोड़ पौध वितरित कर, लगाए जाने का लक्ष्य रखा है। जिले में इस दिशा में कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
उप वन संरक्षक लखन सिंह ने बताया कि राजस्थान को हरित प्रदेश के रूप में विकसित करने तथा प्रदेश में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने, ग्लोबल वार्मिंग को कम करने तथा वर्ष 2070 तक कार्बन तटस्थता तक पहुंचाने में राजस्थान की अग्रिम भूमिका रहेगी। जिला स्तर पर योजना के क्रियान्वयन, सतत निगरानी एवं समस्त लक्ष्यों की प्राप्ति एवं उद्देश्यों की सफल पूर्ति के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

उप वन संरक्षण ने बताया कि जिले की 30 नर्सरियों में 30.937 लाख पौधों की उपलब्धता है। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में पौधारोपण व वितरण के लिए विभागवार लक्ष्य का आवंटन किया गया है। उन्होंने बताया कि मिशन से संबंधित सभी विभागों को पौधारोपण के लिए साइट्स चयनित कर 10 मई तक हरियालो राजस्थान मोबाइल एप्लीकेशन (ऐप) पर सूचना अपलोड करनी होगी‌।

विभागों को करनी होंगी पौधारोपण की आवश्यक तैयारियां
उप वन संरक्षक ने बताया कि मिशन हरियालो राजस्थान से जुड़े समस्त विभागों द्वारा गंभीरतापूर्वक निरीक्षण करते हुए आवंटित लक्ष्यों के अनुसार अपने क्षेत्राधिकार अधीन उपयुक्त वृक्षारोपण स्थलों का सटीक चयन किया जाएगा। साथ ही विभाग के एक स्थाई कर्मचारी को प्रत्येक चयनित कार्यस्थल के लिए वृक्षस्थल प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। कार्य स्थल का चयन करते समय पौधों की सुरक्षा के लिए फेंसिंग, सुरक्षा दीवार, बाड़-बंदी की प्रभावी व्यवस्था होना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि पौधो के निरन्तर संधारण, निगरानी, पानी पिलाने इत्यादि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाकर चयनित कार्यस्थल को संबंधित वृक्षस्थल प्रभारी अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।
उप वन संरक्षक ने बताया कि संबंधित उपखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा स्थानीय मांग, संस्कृति एवं परम्पराओं, भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों के मद्देनजर विभागवार आंवटित लक्ष्य के अनुसार उपयुक्त पौधों की प्रजातियों का निर्धारण किया जाएगा। इसी प्रकार प्रजातियों के चयन में ‘एक जिला-एक प्रजाति’ मुहिम के तहत जिले के पंच गौरव के अन्तर्गत चयनित प्रजाति को विशेष महत्व दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि समस्त उपखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा तकनीकी, वित्तीय आवश्यकताओं एवं उपलब्ध संसाधनों का आंकलन कर, एक वार्षिक सूक्ष्म नियोजन योजना बनाई जाएगी, जिसका अनुमोदन जिला स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा किया जाएगा।

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