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बीकानेर,शहर में कई जगहों पर कैफे व हुक्काबार बिना परमिशन चल रहे हैं, जिनमें युवा नशे के कश लगाते हैं, जिन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है। जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आंखें मूंद रखी है। नतीजन इन कैफे व हुक्काबारों में सरेआम नशा चल रहा है। इन कैफे व बार में युवतियों के साथ होने वाली हरकतों के कारनामे धीरे-धीरे पुलिस के सामने भी आ रहे हैं। हैरानी बात यह है कि यह भी कैफे व हुक्काबार किस-किस क्षेत्र में संचालित हो रहे हैं आमजन को मालूम हैं लेकिन पुलिस व जिला प्रशासन को नहीं है। पुलिस व जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण ही ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं।

शहर की पॉश कॉलोनियों एवं अन्य जगहों पर कैफ बने हुए हैं। कैफे में छोटे-छोटे केबिन बने हुए हैं। इन कैफे में युवाओं व किशोरों की संख्या अधिक हैं। कॉलेज व स्कूली छात्रों के लिए यह सुरक्षित ठिकाने हैं। किशोर वर्ग यहां पर नशे के कश लगाते हैं। ऐसे कैफे व हुक्काबार में युवाओं को कश लगाते हुए पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीमें कई बार पकड़ चुकी हैं लेकिन सामाजिक मर्यादा के मद्देनजर उन्हें डरा-धमका कर छोड़ देते हैं। कैफे व हुक्काबार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, जिस कारण यह बेझिझक अपना धंधा कर रहे हैं।
शहर की जय नारायण व्यास कॉलोनी, मुक्ताप्रसाद, पवनपुरी, जयपुर रोड सहित अनेक कॉलोनियों में कैफे संचालित हो रहे हैं। पुलिस कई बार खानापूर्ति के लिए कार्रवाई कर इतिश्री कर लेती है। रेस्टोंरेंट में केबिनों को पुलिस प्रशासन ने हटवाया था लेकिन अब कैफे में केबिनों का चलन बढ़ गया है। इन कैफे में युवा व किशोर बर्थ-डे व किटी पार्टियों का आयोजन किया जाता है।

जेएनवीसी थाने में एक किशोरी ने ब्लेकमेलिंग और देशोषण का मामला दर्ज कराया। तब उसने शहर के एक कैफे में ले जाकर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया था। सार्दुल कॉलोनी, पंचशति सर्किल, मुक्ताप्रसाद कॉलोनी, गंगाशहर, नयाशहर, रानीबाजार में ऐसे कई कैफे हैं, जिनके कारनामे सामने आ चुके हैं। इन जगहों पर होने वाली घटनाएं किशोरवय उम्र वालों के साथ हो रही है।

कैफे व हुक्काबार में कम रोशनी रहती है। कम रोशनी में किशोर-किशोरियां अनैतिक काम करते हैं। इन कैफे में अनैतिक काम होने की पुलिस को शिकायतें भी मिल रही है लेकिन पुलिस कोई ध्यान नहीं दे रही। इन कैफों के कारण युवा पीढ़ी पर बुरा असर पड़ रहा है। शहर में अवैध रूप से संचालित हो रहे कैफे व हुक्काबार को बंद किया जाना चाहिए। परमजीत सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता

शहरमें कैफे व हुक्काबार अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं है। अवैध कैफे बार की सूचना मिलने पर कार्रवाई करते हैं। पुलिस अपने स्तर पर सादावर्दी में जवानों को लगाकर ऐसे कैफे व हुक्काबारों को चिन्हित कराएंगी जो अवैध है, जहां पर नशा कराया जाता है। जिले के सभी थानाधिकारियों को ऐसे कैफे व हुक्काबारों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। आगामी दिनों में विशेष अभियान लगाकर अवैध कैफे व हुक्काबारों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक

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