बीकानेर,प्रदेश चुनाव समिति के पर्यवेक्षक हरीश चौधरी उस वक्त हैरान रह गए जब खाजूवाला-छत्तरगढ़ से बड़ी तादाद में बीकानेर आए प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि हमें बीकानेर से अलग कर अनूपगढ़ जिले में भेजा गया तो सातों सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ असर जाएगा। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने कहा, खाजूवाला से मंत्री गोविंदराम मेघवाल को किसी भी सूरत में टिकट न दिया जाए। अगर दिया गया तो कांग्रेस की सबसे बुरी हार होगी।
प्रदर्शनकारियों के तेवर देख पर्यवेक्षक चौधरी ने उन्हें मिलने और बातचीत करने का पूर्ण समय दिया। इस बातचीत में प्रदर्शनकारियों का दर्द फूटकर आया। कहा, मुख्यमंत्री ने कहा था कि नए जिले गठन से पहले संबंधित जिलों के विधायकों से पूरा राय-मशविरा करेंगे। मंत्रियों से भी पूरी जानकारी ली गई है। ऐसे में यह कैसे हो सकता है कि सरकार में महत्वपूर्ण कैबिनेट मंत्री और खाजूवाला विधायक को इस बारे में जानकारी नहीं हो।
सबकुछ जानते-बूझते उन्होनें हमारे इलाके को बीकानेर से अलग होने दिया। आशंका जताई, इसमें कहीं उनका निजी स्वार्थ भी हो सकता है। प्रदर्शनकारियों में शामिल कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष याकूब जोइया सहित अन्य नेताओं-पदाधिकारियों ने कहा, वहां (खाजूवाला-छत्तरगढ़) पूरी कांग्रेस धरने पर है। भाजपा सहित सभी दलों के स्थानीय कार्यकर्ता, पदाधिकारी भी इस हिस्से को फिर से बीकानेर में ही शामिल रखने की मांग कर रहे हैं।
पूरे इलाके में व्यापारी, अधिवक्ता, नौजवान, किसान, मजदूरों ने तय किया है कि हम बीकानेर में ही रहेंगे। ऐसे हालात में अगर फिर से नोटिफिकेशन जारी कर इस हिस्से को बीकानेर में नहीं रखा गया तो इसका पार्टी को कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। इन प्रदर्शनकारियों के मुख्य निशाने पर मंत्री गोविंदराम मेघवाल रहे।
खाजूवाला-छतरगढ़ को बीकानेर जिले में रखने की मांग को लेकर आए प्रदर्शकरियों में छतरगढ़ से मदन ज्याणी, नारायण खिलेरी, आदूराम मोलानिया, हिंयाराम मेघवाल, भीखाराम तर्ड वहीं खाजूवाला से जियाराम पूनिया, एडवोकेट भूपेन्द्र सिंह शेखावत, सोहन लाल बिजराणियां आदि शामिल रहे।