बीकानेर.अगले साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने संगठनात्मक बदलाव की कवायद तेज कर दी है। बीकानेर जिले में कांग्रेस के दोनों जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होनी है। वहीं भाजपा में मौजूदा शहर व देहात जिलाध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसी के साथ भाजपा संगठन ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक जिलाध्यक्षों को भी पद छोड़ने के संकेत दिए हैं। हालांकि देहात भाजपा जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत सहित कई जिलाध्यक्षों ने इस्तीफे की पेशकश की बात सामने आई है।
भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह और देहात जिलाध्यक्ष सारस्वत का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही संगठन में नए जिलाध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है। पार्टी ने अब नए अध्यक्ष के लिए मापदंड तय किए हैं, उनमें सबसे ऊपर विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने वाले को दायित्व सौंपना रखा गया है। इसकी वजह विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव तक जिलाध्यक्ष के सक्रिय रूप से कार्य करने की आवश्यकता को माना गया है। इधर, भाजपा देहात जिलाध्यक्ष सारस्वत ने कहा कि उनके जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात कोरी अफवाह है। प्रदेश नेतृत्व ने चुनाव लड़ने की इच्छा रखने के बारे में जरूर पूछा था। पार्टी का जो आदेश होगा, उसे ही मानेंगे।
उधर, कांग्रेस में सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष हटाने के दौरान सभी जिला कमेटियां भंग कर दी गई थी। इसके बाद नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति नहीं होने से बीकानेर शहर जिलाध्यक्ष का कार्य यशपाल गहलोत और देहात का कार्य महेन्द्र गहलोत देख रहे हैं। उदयपुर चिंतन शिविर में पांच साल से एक ही पद पर कार्य कर रहे नेताओं को पद छोड़ने के लिए कहा गया। इसके बाद यशपाल गहलोत ने अपना इस्तीफा भी प्रदेश संगठन को भेज दिया था। प्रदेश में अन्य जिलों में भी कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां की जानी है। इनके नामों के पैनल तैयार करने की कवायद छह महीने पहले ही पूरी की जा चुकी है। अब प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने नए जिलाध्यक्षों के नाम तय कर कांग्रेस अलाकमान को भेज दिए हैं। वहां से स्वीकृति मिलते ही संभवत: नवम्बर में नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी।
भाजपा प्रदेश संगठन की नजर चार सीटों पर
बीकानेर जिले में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा में सात में से चार सीटों पर मजबूत प्रत्याशी के लिए मंथन शुरू हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से इस बार नए चेहरे को मौका दिया जाना है। श्रीडूंगरगढ़ और कोलायत विधानसभा सीट के लिए भी जातिगत समीकरण साधते हुए पार्टी स्तर पर पड़ताल चल रही है। मौजूदा भाजपा विधायकों वाली तीनों सीटों बीकानेर पूर्व क्षेत्र, नोखा और लूणकरनसर को लेकर पार्टी स्तर पर अभी कोई कवायद नहीं है। खाजूवाला में भी पार्टी धारतल की स्थिति की जानकारी जुटा रही है।