बीकानेर,नख-शिखर सजे ऊंट और ढोल की थाप के साथ थिरकते ऊंट,राजस्थानी परिवेश में सजी धजी युवतियां व रोबिले। वही मशक वादन से बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करते लोक कलाकार कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला आज अंतराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के पहले दिन। उष्ट अनुसंधान केन्द्र में आयोजित इस कार्यक्रम में पलंग और लकड़ी के तख्त पर ऊंटों ने जब नृत्य किया। वही अपनी दो टांगों को अपने कद से ऊंचा उठाकर और आग के हैरतअंगेज करतब से पर्यटकों को रोमांचित कर करतल ध्वनि के लिए मजबूर कर दिया।
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इसके साथ ही पहले दिन आयोजित प्रतियोगिताओं में ऊंट सज्जा, ऊंट दौड़, ऊंट फर कटिंग और मिस मरवण और मिस्टर बीकाणा प्रतियोगिताएं आयोजित हुई। मिस मरवण प्रतियोगिता में युवतियों ने पारम्परिक राजस्थानी वेशभूषा और राजस्थानी गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी वही मिस्टर बीकाणा में रोबीले युवाओ ने सभी का मन मोह लिया। वही अंतराष्ट्रीय ऊंट उत्सव का आगाजआज हैरिटेज वॉक के साथ हुआ। लक्ष्मीनाथ मंदिर से रामपुरिया हवेली तक आयोजित वॉक गैर नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य ,आदिवासी नृत्य से कलाकारों ने समा बंधा। कोरोना के कारण इस बार जनवरी के साथ पर मार्च में आयोजित केमल फेस्टिवल में अगले दो दिन तक चलेगा। इस दौरान बीकानेर में अलग अलग आयोजन होंगे। लम्बे इंतजार के बाद आयोजित अंतराष्ट्रीय ऊंट उत्सव को देखे आए लोगो में भी उत्साह दिखा वही प्रतिभागियों ने भी इसे सबसे बेहतरीन आयोजन बताया।