बीकानेर। एक तरफ जहां राज्यभर में रीट में चीट करने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर बीकानेर में चप्पल से नकल करने का इसी परीक्षा का मामला कमजोर होता जा रहा है। यह हालात तब है जब जांच अधिकारी तत्कालीन थानाधिकारी खुद संदेह के घेरे में आ चुके हैं। दरअसल, इस परीक्षा में पच्चीस स्टूडेंट्स को पेपर देने की बात सामने आई थी लेकिन अब तक महज पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं लूणकरनसर के जिन सेंटर्स पर नकल का आरोप लगा था और मिलीभगत की आशंका थी, इसके बाद भी इन सेंटर्स पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दरअसल, रीट में नकल के मामले में पुलिस ने अदालत में चार्जशीट ही पेश कर दी। सवाल ये उठ रहा है कि पुलिस ने सारी गिरफ्तारी होने से पहले ही चालान पेश कर दिया। इस मामले में स्वयं बीकानेर पुलिस ने 25 स्टूडेंट्स को चप्पल बेचने का आरोप लगाया था। मामले का मुख्य आरोपी तुलछाराम पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। जिससे पूछताछ भी पूरी हो गई। इसके बाद भी पच्चीस में से पांच ही गिरफ्तार हुए।
एक्सपट्र्स का कहना है कि रीट परीक्षा में नकल रोकने के लिए पुलिस ने जितनी अच्छी कार्रवाई की थी, मुकदमा उतना ही कमजोर कर दिया। पुलिस ने पच्चीस में से बीस को गिरफ्तार करने के बाद कार्रवाई ही रोक दी। जिन सेंटर्स पर नकल की आशंका थी,उनके खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक कि सेंटर्स को ब्लेक लिस्ट करने का प्रयास भी नहीं हुआ। पुलिस ने तुलछाराम को गिरफ्तार करने से पहले उसके भतीजे पौरव कालेर के खिलाफ भी एक मामला दर्ज किया था लेकिन अब तक उस मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उसके घर से सामान बरामद करने के साथ ही उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया। ये तुलछाराम को गिरफ्तार करने का दबाव था या फिर वो इस घटनाक्रम में शामिल थे? इन सवालों के जवाब अब तक पुलिस नहीं दे सकी है।
चार्जशीट देने वाले खुद आरोपी
इस मामले में नया मोड तब आ गया जब चार्जशीट तैयार करने वाले गंगाशहर थाने के तत्कालीन थानेदार राणीदान उज्ज्वल व एएसआई जगदीश बिश्नोई पर रिश्वत मांगने का आरेाप लग चुका है। गंगाशहर थाने में एसीबी कर्मचारी से मारपीट और एसीबी में रिश्वत मांगने के आरोप में स्नढ्ढक्र दर्ज हो चुकी है। दोनों निलंबित हो चुके हैं और राणीदान ने हाईकोर्ट से स्नढ्ढक्र पर गिरफ्तारी नहीं करने की राहत भी ले ली है।
इनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं
रीट में नकल के आरोपी मदनलाल व त्रिलोकचंद ने पूछताछ में पुलिस को बताया उन्होंने तुलसाराम के कहने पर उदाराम, सुरजाराम, गणेशाराम, मालाराम, हनुमान व पंद्रह बीस अन्य परीक्षार्थियों को नकल के लिए डिवाइस दी थी। उनके चेक व स्टाम्प पेपर तुलसाराम से बरामद किए गए। इसके बाद भी पुलिस नकल सामग्री खरीदने वालों तक अब तक नहीं पहुंची। जिनके नाम से चेक व स्टाम्प पेपर मिले हैं, वो ही गिरफ्तार नहीं हुए।