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बीकानेर के 65 हजार कर्मचारियों को राहत देने वाली खबर प्राइवेट मेडिकल शॉप पर भी RGHS कार्ड लागू, अब ब्रांडेड कंपनियों की मेडिसिन भी कैशलैस,सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स की दवाइयों के लिए अब होलसेल भंडार की दुकानों पर निर्भर नहीं रहना होगा। राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएसएच) के तहत प्राइवेट मेडिकल शॉप्स से भी दवाइयां ली जा सकेंगी।आरजीएचएस के तहत सरकार ने दवाइयों की खरीद कैश लैस कर दी है। पेंशन डायरी की जगह कार्ड के जरिए दवाइयां ली जा सकेंगी। अब तक केवल सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार की मेडिकल शॉप पर ही यह स्कीम लागू थी। दुकान नंबर 14 को अधिकृत भी कर दिया सरकार ने प्राइवेट मेडिकल शॉप्स को भी गया है। अन्य प्राइवेट मेडिकल शॉप्स योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने की से भी आवेदन मांगे गए हैं। जिला कोष छूट दे दी है। कैंसर हॉस्पिटल के सामने कार्यालय के अनुसार फैमेली पेंशनरों को

मिलाकर जिले में करीब 20 हजार पेंशनर और 45 हजार सरकारी कर्मचारी हैं। यानी इस योजना से सीधे-सीधे इन 65 हजार कर्मचारियों को ब्रांडेड कंपनियों की दवाइयों मिल सकेंगी। एनएसी का झंझट भी खत्म कर दिया गया है। कर्मचारी आरजीएचएस कार्ड के जरिए सरकार से अनुबंधित प्राइवेट मेडिकल शॉप से अच्छी बांडेड कंपनियों की दवाइयां ले सकेंगे।
डॉक्टर की लिखी हर दवा भंडार की दुकानों पर नहीं मिलती थी कर्मचारी और पेशनर को एनएसी लेकर प्राइवेट मेडिकल शॉप से दवा कैश देकर खरीदनी पड़ती थी। बाद में बिल पेश करने पर ट्रेजरी से भुगतान होता था। आरजीएचएस की प्रक्रिया के लिए राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है।

राज्य के छह भंडार अध्यक्ष कर रहे विरोध

सरकार की आरजीएचएस योजना में होलसेल सहित श्रीगंगानगर, सिरोही, करीलो, पाली और चूरू के भंडार की दुकानों के साथ ही प्राइवेट दुकानों को होलसेल भंडार अध्यक्षों ने प्राइवेट दुकानों को दवाइयां देने दवाइयों का वितरण करने के लिए अनुबंधित किया के लिए अनुबंधित करने का विरोध किया है। बीकानेर भंडार जा रहा है। इसके लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। एक चेयरमैन लाखन सिंह का कहना है कि योजना अच्छी है। इससे लाख रुपए बैंक गारंटी और 1000 रुपए रजिस्ट्रेशन पेंशन डायरी का घपला खत्म हो जाएगा, लेकिन सरकार की फीस रखी गई है। कैंसर अस्पताल के पास एक इस नीति से को-आपरेटिव सेक्टर को नुकसान है। बोर्ड को मेडिकल स्टोर को अधिकृत भी कर दिया गया है। पावर लैस करके छोड़ दिया है। हम जेनरिक के अलावा कुछ -मांगीलाल बिश्नोई, नोडल एजेंसी राज्य बेमा एवं बेच ही नहीं सकते। इस संबंध सरकार को लिखा है। निधि विभाग में आरजीएचएस प्रभारी भी भंडार के बारे में भी सोचे सरकार आरजीएचएस योजना लाभकारी है, लेकिन उसके क्रियान्वयन में खामियां भी हैं। होलसेल भंडार के सदस्य रविवराज सिंह भाटी नागेंद्रपाल सिंह शेखावत का कहना है कि निजी मेडिकल स्टोर को अधिकृत किए जाने से पहले से अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे होलसेल भंडार दम ही तोड़ देंगे। उनका व्यापार और आम जनता तक पहुंच खत्म हो जाएगी। बीकानेर भंडार कार्मिकों को वर्तमान में मासिक वेतन समय पर नहीं मिल पाता है। ऐसे में आरजीएचएस योजना में निजीकरण उपभोक्ता भंडारों के लिए ताबूत की अंतिम कोल साबित होगा। सरकार को इस तरफ भी ध्यान देना होगा बेहतर होता कि इस योजना में प्राथमिक स्तर की शहरी और ग्रामीण सहकारी संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाती

जिले में भंडार की 7 दुकानें, 3 नई खोलने की तैयारी होलसेल

भंडार की पीबीएम अस्पताल में चार, सेटेलाइट और अणचाबाई अस्पताल में एक-एक दुकान है। इसके अलावा एक दुकान नोखा में है। पीबीएम में एक और दुकान खुलेगी। गंगाशहर सेटेलाइट व श्रीडूंगरगढ़ में भी एक-एक दुकान खोलने की तैयारी की ही है। अब निजी मेडिकल शॉप से कंपीटिशन करने के लिए भंडार ने ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं खरीदने की तैयारी की है। कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए भंडार की दुकानें ज्यादा सुगम है। यदि वहां सभी तरह की अच्छी ब्रांडेड कंपनियों की दवाइयों उपलब्ध होंगी तो उन्हें प्राइवेट शॉप पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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