कोलकता,बीकानेर,राजस्थान सूचना केंद्र संगीत को अर्पित एक संध्या राजस्थानी लोकगीत , ठुमरी , दादरा , ग़ज़लें , गीत , कविता की प्रस्तुति डॉ . सुरुचि मोहता , मुम्बई ने राजस्थान सूचना केंद्र कॉमर्स हाउस प्रथम तल 2 , गणेश चंद्र एवेन्यू , कोलकाता पर दी कार्यक्रम के आयोजक हिंगलाज दान रतनू सहायक निदेशक ,कोलकता राजस्थान सूचना केंद्र थे व सयोजक प्रमोद शाह थे,इस अवसर डॉ सुरुचि मोहता ने देशनोक की विख्यात माँ करणी जी के दोहों व भजनों से की फिर उन्होंने अनेक राजस्थानी लोक गीत सुनाकर दर्शकों को वह वाही देने हेतु मंत्र मुग्ध कर दिया,कोलकता में पूरा वातावरण राजस्थनी मय हो गया उनकी प्रस्तुतियों पर ,अंत मे गायिका डॉ सुरुचि मोहता का परिचय दिया गया जिसमें बताया कि वो राजस्थान की रहने वाली ह व अनेक फ़िल्म गायिकाओं के साथ अलनी आवाज दे चुकी ह
इस अवसर पर शब्द ब्रह्म हैं, डाॅ. सुरुचि मोहता जैसे गायक अपनी धरोहर है_ हिंगलाज दान रतनू। ने कहा संस्कृति सौरभ एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग राजस्थान सरकार के सौजन्य से आयोजित ‘संगीत को अर्पित एक संध्या ‘में राजस्थान सूचना केंद्र सभागार कोलकता में डाॅ.सुरुचि मोहता के कार्यक्रम में स्वागत भाषण करते हुए राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि शब्द ब्रह्म हैं और स्वर साधक हमारी संस्कृति के संवाहक होते हैं, रतनू डिंगल के एक दोहे के साथ कहा कि “जलमे तो जग में घणा, ज्यूं आया त्यों जाय, सुर साधक साधै शब्द, गीत मानखो गाय। उन्होने कहा कि डाॅ. सुरूचि मोहता जैसी महान गायक के इस प्रांगण में पधारने से यह प्रांगण पवित्र हुआ है, मैं राजस्थान सरकार की तरफ से आपक अभिनंदन करता हूं। इस कार्यक्रम में डाॅ.सुरचि मोहता ने राजस्थानी मांड, भजन, दादरा, ठुमरी की भावपूर्ण प्रस्तुति दी, इस कार्यक्रम में महानगर के सैकडों प्रबुद्ध जन उपस्थित थे, कार्यक्रम का सफल संचालन शायर, कवि प्रमोद शाह नें किया।