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जयपुर,कोरोना की नई गाइडलाइन में सरकार ने शहरों के स्कूल बंद किए हैं, वहीं गांवों में स्कूल खुले रखे गए हैं। इस पर शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा है कि गांवों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम है, इसलिए वहां स्कूल बंद नहीं किए हैं। शहरों में भीड़भाड़ से संक्रमण का खतरा ज्यादा है। यदि गांवों में जहां संक्रमण फैलता है तो वहां स्कूल बंद किए जा सकते हैं। वहीं मार्च में बोर्ड परीक्षाएं कराने के फैसले पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि तैयारी रखना जरूरी है, यदि संक्रमण की रफ्तार कम नहीं हुई तो परीक्षाएं टाली जा सकती हैं।

डॉ. कल्ला ने कहा कि गांवों में अभिभावक चाहें तो बच्चों को स्कूल न भेजें। उन्हें ऑनलाइन क्लास का भी विकल्प दिया है। शहरों में जितनी भीड़ है, उतनी गांवों में नहीं है। कोविड गांवों में नहीं फैला है। फिर भी हमारे निर्देश हैं कि कलेक्टर स्थानीय स्तर पर जरूरत के अनुसार गांवों के स्कूल भी बंद कर सकते हैं।

शिक्षा मंत्री कल्ला ने कहा कि हमने स्थानीय अध्यापकों से 17 जनवरी से बोर्ड क्लास के प्रैक्टिकल एग्जाम करवाने का फैसला किया है। 15 से 20 के बैच में प्रैक्टिकल एग्जाम लेंगे इसलिए खतरा भी नहीं है। कोरोना पीक पर था तब भी उसी हिसाब से ही एग्जाम करवाए थे। बोर्ड परीक्षाएं नहीं करवाएंगे तो हमारे स्टूडेंट्स पीछे रह जाएंगें।

हालात देखकर लेंगे बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला
कल्ला ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं 3 मार्च से करवाने का फैसला लिया है, लेकिन यह सब कोरोना संक्रमण के हालात पर निर्भर करेगा। संक्रमण ज्यादा फैला तो परीक्षाएं टल भी सकती हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने 3 मार्च से लेकर 26 मार्च तक बोर्ड परीक्षाओं का टाइम टेबल बनाया है। बोर्ड परीक्षाओं में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर पूरे कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाएगा। फिर भी बहुत ज्यादा संक्रमण हुआ तो परिस्थिति के हिसाब से विचार कर लिया जाएगा, लेकिन एक बार तैयारी रखना जरूरी है।

कोरोना को देखते हुए 10वीं और 12 वीं का सिलेबस कम नहीं होगा। शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला ने कहा कि इस बार स्कूलों में ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई लगभग पूरे समय हुई है, इसलिए अभी सिलेबस कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

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