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बीकानेर.पुलिस जैसे महकमे में भी महिलाओं के साथ किस तरह व्यवहार किया जाता है। वे वहां पर कितनी सुरक्षित हैं। इसका एक उदाहरण बीकानेर के पुलिस मोटर ड्राइविंग स्कूल में देखने को मिला। तीन महीने पहले नाल िस्थत पुलिस फायरिंग रेंज में लगे रात्रिकालीन प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों ने शराब के नशे में महिला अधिकारी को धमकाया। इस मामले की उच्च प्रबंधन को शिकायत की गई। इसके बाद पीएमडीएस के तमाम अधिकारी इस मामले को दबाने में लग गए। विडम्बना यह है कि रात्रि कैम्प के दौरान अधिकारियों के शराब के नशे में होने एवं बदतमीजी करने की शिकायत करने के बावजूद कमांडेंट मौके पर नहीं पहुंचे।

पुलिस मोटर ड्राइविंग स्कूल में कांस्टेबल चालक बैच संख्या 14 का प्रशिक्षण चल रहा था। बैच में पौने दो सौ से अधिक प्रशिक्षणार्थी हैं। इनमें 17 महिला चालक भी प्रशिक्षणरत हैं। प्रशिक्षण के दौरान गत 24 जनवरी को नाल िस्थत फायरिंग रेंज में तीन दिवसीय रात्रिकालीन जंगल कैम्प लगाया गया। रात को साढ़े नौ बजे तक का कार्यक्रम निर्धारित था लेकिन, रात करीब 11 बजकर 20 मिनट पर सीटी बजाई गई। तब सी कंपनी की टोली नंबर नौ वहां पहुंची। तब अधिकारी ने छिपकर अपराधी को पकड़ने का प्रशिक्षण लेने के आदेश दिए। इसके बाद रात 12 बजे प्रशिक्षार्थियों को फिर से बुलाया गया। डीवाईएसपी आनंदसिंह चौहान व आरआइ विजयपाल व सी कंपनी का पूरा स्टाफ मौजूद था। आरोप है कि कुछ ने शराब पी रखी थी तथा आउटडोर का आधा स्टाफ आउट ऑफ कैम्प था।

शिकायत के अनुसार डीवाईएसपी आनंदसिंह ने कहा कि मैं अभी झाडि़यों में छिप रहा हूं। एक घंटे में मुझे ढूंढ़कर लाना है। तब अनहोनी की आशंका में महिला प्रशिक्षणार्थियों को झाडि़यों में भेजने से इनकार कर दिया और उन्हें कैम्प में ही रोक लिया। आरोप है कि इस दौरान टोली प्रभारी हवलदार रामकुमार ने शराब के नशे में महिला प्रशिक्षार्थियों को भेजने का दबाव बनाया और गाली-गलौज की।

पीटीआइ प्रशिक्षक ने डीवाईएसपी आनंदसिंह व टोली प्रभारी रामकुमार के नशे में होने और लड़कियों को भेजने का दबाव बनाने को लेकर रात को ही आरआइ विजयपाल को रिपोर्ट दी। आरआइ ने सुनवाई नहीं की तो कमांडेंट प्रतापसिंह डूडी को पूरे मामले से अवगत कराया गया। परन्तु कमांडेंट भी रात को मौके पर नहीं पहुंचे। अगले दिन 25 जनवरी की सुबह सी कंपनी के नाै नंबर टोली के प्रभारी रामकुमार ने महिला कर्मचारी व प्रशिक्षणािर्थियों को धमकाते हुए कहा कि हम तो ऐसे ही पीएंगे। शिकायत से हमारा क्या बिगड़ेगा। इससे परेशान होकर कैम्प के समापन के बाद 28 जनवरी को कमांडेंट प्रतापसिंह डूडी को लिखित में भी शिकायत की गई।
उच्चाधिकारी मामले को दबाने में लगे

महिला रिक्रूट से संबंधित मामला होने के बावजूद पीएमडीएस के अधिकारी पूरा मामला दबाने में लगे हुए हैं। पिछले तीन महीने से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जांच आरपीएस महेन्द्र सिंह राजवी को सौंपी गई। सूत्र बताते हैं कि जांच कर राजवी ने रिपोर्ट भी संस्था प्रधान कमांडेंट प्रतापसिंह डूडी को सौंप दी है।

बीकानेर पीएमडीएस का ऐसा मामला मेरे ध्यान में नहीं है। इस संबंध में मुझे किसी ने कोई जानकारी नहीं दी है।
– संजीव मित्तल, एडीजी ट्रेनिंग, जयपुर

शिकायत की गई थी, जिसकी जांच करवा ली गई है। शिकायत में जो आरोप लगाए गए थे वह सही नहीं पाए गए।
प्रतापसिंड डूडी, कमांडेंट पीएमडीएस

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