बीकानेर गौशाला संघ व तुलसी गौशाला समिति तुलसी सर्किल बीकानेर के द्वारा आज गोपाष्टमी के पावन पर्व पर गो पूजन व 1966 को गोहत्या बंदी कानून के मांग के लिए आंदोलन कर रहे गो भक्तों की नर्सगंहत्या पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीकानेर गोशाला संघ के अध्यक्ष सूरजमालसिंह नीमराना की इस अवसर पर गौ माता के पूजन के बाद बलिदान हुए भक्तों को पुष्पांजलि अर्पित की गई श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए पार्षद अनूप गहलोत ने कहा कि 1966 मैं गोपाष्टमी के दिन करपात्री जी महाराज के नेतृत्व में चल रहे संपूर्ण गौ हत्या बंदी कानून बनाने की मांग पर तत्कालीन सरकार ने गोलियां चलाकर गौ भक्तों की नृसगंहत्या कर दी और आज तक भी उसकी सही जांच नहीं हो पाई, हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि 1966 की हत्याओं की सही तरीके से जांच की जाए और दोषी लोगों के खिलाफ सरकार कड़ा एक्शन लेवे।
श्रद्धांजलि सभा में विचार रखते हुए गो ग्राम सेवा संघ के संयोजक महेंद्र सिंह लखासर ने कहा कि 1966 के दिन बलिदान हुए गौ भक्तों का स्मारक दिल्ली मे जंतर मंतर पर बनना चाहिए, भारत सरकार इसे “”गौ भक्त बलिदान दिवस””” के रूप में घोषित करें यह एक ऐसी घटना थी जो विश्व इतिहास में जीव मात्र के लिए बलिदान होने वाले लोगों के रूप में गिना जाए,
श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष सूरजमालसिंह नीमराना ने कहा कि जिस प्रकार खेजड़ी वृक्ष को बचाने के लिए 360 महिलाओं पुरुषों ने अपना बलिदान देना स्वीकार किया और उनके नाम से अमृता देवी पुरस्कार प्रदान किया जाता है, उसी प्रकार गौ माता के लिए बलिदान हुए हजारों साधु संतों के बलिदान को गौ भक्त बलिदान के दिवस के रूप में सरकार मान्य करें और इस दिन सार्वजनिक अवकाश रखा जाए और जीव मात्र के संरक्षण के सम्मान के रूप में “”गौ भक्त बलिदान”” सम्मान घोषित किया जाए भारत सरकार भारतीय देशी गोवंश को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करें और इसे पशु श्रेणी से बाहर निकाले यही हमारी मांगे वह, इन गौ भक्तों के बलिदान को मानते हुए पूरे भारत में संपूर्ण गोहत्या बंदी अति शीघ्र लागू की जाय तभी इन्हें श्रद्धांजलि दी जा सकती है।
आज की श्रद्धांजलि सभा मे, महेंद्र कुमार बरडिया, अरविंद उभा, चांदवीरसिंह,विशाल सिंह अश्वनी वारेनिया, प्रेम सिंह राठौड़, रघुनाथसिंह शेखावत, अशोक कुमार, बेरीशालसिंह, धर्मेंद्र सारस्वत, श्यामसिंह कोयल, करणपालसिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त किए कार्यक्रम का संचालन अभय सिंह ने किया ने किया धन्यवाद ने दिया।