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बीकानेर.आइए आपको रूबरू कराते हैं पुलिस विभाग के ऐसे शख्स से, जो जिस थाने में पदस्थापित हुआ, वहां पर अपनी अमिट छाप छोड़ गया। थाना भले छूट गया, लेकिन उनकी पहचान नहीं छूटी। दरअसल, अब तक की नौकरी में वह जिस थाने में रहे, वहां पीडि़तों और परिवादियों के बैठने के लिए एक विशेष हट ( झोपड़ी ) का निर्माण कराया। मुख्य द्वार से लेकर थाना परिसर में हट व रेलिंग बना कर थाने की सूरत ही बदल दी। पहली नजर में ओपन रेस्टोरेंट जैसा आभास होता है। पुलिस निरीक्षक इंद्र कुमार इन दिनों गत आठ महीने से जामसर थाने में पदस्थापित हैं। यहां भी उन्होंने अपने उसी किरदार को जीया और हट बनवा कर थाने की सूरत ही बदल दी। खास बात यह है कि उनकी कोशिश है कि थाने का संपूर्ण वातावरण बदले, जिसमें पुलिस को लेकर लोगों की धारणा भी बदले।

1999 बैच के मूलत: श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ निवासी इन्द्र कुमार बताते हैं कि दर्शनीय हट बनाने की शुरुआत इन्होंने वर्ष 2011 में हनुमानगढ़ जिले के गोगामेड़ी थाने से की थी। उनकी इस अनूठी पहल ने दूसरे थानों को भी प्रेरित किया। बीकानेर के बीछवाल, जेएनवीसी, गजनेर, श्रीगंगानगर के घमूड़वाली, संगरिया, पीलीबंगा एवं चूरू के हमीरवास थानों का स्वरूप बदला। थाने में झोपड़ी के अलावा प्रवेश द्वार व बगीचा विकसित करते हैं। हट में कुर्सियां, रेलिंग व पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई कर परिवादियों को खुशनुमा माहौल देने की कोशिश होती है।

ऐसे आया आइडिया
इन्द्र कुमार बताते हैं कि गोगामेड़ी थाने में तैनाती के समय देखा कि परिवादियों के बैठने की बड़ी समस्या है। माहौल भी अच्छा नहीं मिल रहा था। तब इस सोच को मूर्त रूप देने का फैसला किया। झोपड़ी को तैयार कराने के लिए पश्चिम बंगाल के कारीगर बुलाते हैं।

ऐसे चली थानों के बदलाव की बयार
पुलिस निरीक्षक इन्द्र कुमार वर्ष 2011 से 13 तक गोगामेड़ी थाने में रहे। फिर इनकी पोस्टिंग बीकानेर जिले के बीछवाल थाने में हुई। वर्ष 13-14 तक यह बीछवाल रहे। उसके बाद व्यास कॉलोनी, गजनेर, 17-18 में चूरू के हमीरवास, 19-20 में हनुमानगढ़ जिले के संगरिया थाना, 21-22 में पीलीबंगा और अब बीकानेर जिले के जामसर थाने की कमान संभाले हुए हैं।

सीएसआर के तहत करवाया काम

कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉंबिलिटी (सीएसआर) के तहत थानों में काम करवाया जा सकता है। पुलिस मुख्यालय से पुलिस प्राथमिकताओं में भी सीएसआर से थानों में विकास कार्य कराने का बिन्दु समाहित है। थानों में जो डवलपमेंट का काम कराया जा रहा है, वह बड़े संगठन व कंपनियों के मार्फत हो रहे हैं। जामसर थाने में सीएसआर के तहत ही काम करवाया गया है, जो गलत नहीं है।
तेजस्वनी गौमत, पुलिस अधीक्षक

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