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बीकानेर,मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में महिला सशक्तीकरण और जरूरतमंद महिलाओं को सहयोग एवं संबल देने के लिए उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। पिछले लगभग दो वर्षों में इस क्षेत्र में अनेक नवाचार किए गए हैं। बीकानेर जिले में भी महिला अधिकारिता विभाग द्वारा राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करते हुए नजीर पेश की गई है।
विभाग की उपनिदेशक डाॅ. अनुराधा सक्सेना ने बताया कि मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत जिले में 292 आवेदनों में 1 करोड़ 83 लाख 52 हजार 450 रुपए स्वीकृत किए गए। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना के तहत 30 जोड़ों को 6 लाख 30 हजार रुपए अनुदान राशि तथा सामूहिक विवाह करवाने वाली संस्था को 1 लाख 20 हजार रुपए दिए गए। महिलाओं की समस्या के समाधान के लिए जिला मुख्यालय पर कार्यरत पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान केन्द्र में कांउसलिंग तथा परामर्श के तहत 4 हजार 374 लोगों को लाभान्वित किया गया।
महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए जिले में महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र (महिला थाना, पवनपुरी, सदर थाना, गंगाशहर, शेरूणा, खाजूवाला, नोखा) में कार्यरत हंै। इन केन्द्रों में गत एक वर्ष में कुल 593 प्रकरण प्राप्त हुए, जिनमें से 584 प्रकरण निस्तारित किए गए हैं। 9 प्रकरण प्रक्रियाधीन है। आवश्यकता के अनुसार पीड़िताओं को पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाने में मदद की गई। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर प्रथम तथा द्वितीय में गत एक वर्ष में घरेलू हिंसा के कुल 246 प्रकरणों में पीड़िताओं को सहायता प्रदान की गई।
डाॅ. सक्सेना ने बताया कि केन्द्रीय कारागृह में ‘समावेशः नई राह का ताना-बाना’ के तहत 40 महिला बंदियों हेतु हस्तकला (कढ़ाई) कौशल प्रशिक्षण दिया गया। ग्रामीण हाट में राजसखी बीकाणा मेले में 26 महिलाओं को 1 लाख 17 हजार 700 रुपए की राशि देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देशानुसार महिला अधिकारिता विभाग द्वारा 8 मार्च को ‘तेरे मेरे सपने विवाह पूर्व संवाद केन्द्र’ का उद्घाटन किया गया। इसका उद्देश्य शादी के बाद आने वाली जिम्मेदारियों के लिए तैयार करना है। इसके तहत अब तक 17 जोड़ांे की कांउसलिंग की गई है।
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के तहत जिला प्रशासन, महिला अधिकारिता एवं आरएसी थर्ड बटालियन के संयुक्त तत्वावधान में 8 दिवसीय आत्मरक्षा एवं विधिक जागरुकता प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘सुरक्षा चक्र’ का आयोजन किया गया। इसमें 100 से अधिक बालिकाओं को प्रशिक्षित किया गया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना के तहत सांसद सेवा केन्द्र में महिला अधिकारिता द्वारा 33 जोड़ों को गिफ्ट एवं चेक दिए गए। मुख्यमंत्री नारी शक्ति और कौशल संवर्धन योजना के तहत महिला अधिकारिता एवं एशियन पेंट के संयुक्त सौजन्य से प्रशिक्षण देते हुए 40 बालिकाओं को आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी गई।

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