कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को यूनिक फेस रिकॉगनिशन टेक्नोलॉजी को लॉन्च किया है। यह पेंशनधारकों के लिए लाइफ सर्टिफिकेट के प्रमाण के तौर पर काम करेगी और रिटायर्ड और वृद्ध नागरिकों के लिए आसानी को सुनिश्चित करेगी।
सभी पेंशनधारकों को पेंशन जारी रखने के लिए सालाना अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराना होता है।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने पहले ही सर्टिफिकेट डिजिटल तौर पर देने की सुविधा को लॉन्च किया है। सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पेंशनधारकों की जरूरतों और उनके लिए जीवन जीने में आसानी को सुनिश्चित करने के प्रति संवेदनशील रही है। 2014 में सत्ता में आने के जल्द बाद, सरकार ने पेंशनधारकों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट को पेश और लागू करने का फैसला किया था। उन्होंने बताया कि यूनिक फेस रिकॉगनिशन टेक्नोलॉजी से पेंशनधारकों को और मदद मिलेगी।
सरकार ने इसे बताया बड़ा रिफॉर्म
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लाइफ सर्टिफिकेट को देने की यह फेस रिकॉगनिशन टेक्नोलॉजी ऐतिहासिक और दूर तक पहुंच वाला सुधार है। इससे न केवल 68 लाख केंद्र सरकार के पेंशनधारकों की जिंदगियों का छूएगा, बल्कि ईपीएफओ और राज्य सरकारों की भी मदद करेगी।
सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के साथ UIDAI (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को भी इस टेक्नोलॉजी को तैयार करने और डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर (DoPPW) की ऐसी पहल को संभव बनाने के लिए धन्यवाद किया है।
पेंशन जारी करने के लिए टेक्नोलॉजी का बढ़ रहा इस्तेमाल
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने हमेशा समाज के सभी तबकों के लिए इज ऑफ लिविंग की कोशिश की है, जिसमें रिटायर हो चुके लोग और पेंशनधारक भी शामिल हैं, जो तमाम अनुभव और उनके द्वारा दी गई सर्विस के लंबे सालों के साथ देश के एसेट्स हैं।
मंत्री ने इस बात पर भी दोबारा जोर दिया कि कोरोना वायरस महामारी के दौर में भी, पेंशन विभाग ने प्रोविजनल पेंशन या फैमिली पेंशन को जारी करने के लिए कई रिफॉर्म लाए थे।
उन्होंने आगे कहा कि पेंशन विभाग अपने काम के लिए टेक्नोलॉजी को बड़े स्तर पर इस्तेमाल करता रहा है, चाहे वह सभी भारत सरकार के मंत्रालयों के लिए पेंशन मामलों की प्रोसेसिंग के लिए इंटेलिजेंट कॉमन सॉफ्टवेयर भविष्य को पेश करना हो या डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट को लाना।