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बीकानेर,साहित्य और कला के सुंदर संगम का एक अनुपम उदाहरण पेश करते हुवे शब्दमय रंग संस्थान कि” कला श्रृंखला – 4″ का निर्देशन बीकानेर के वरिष्ठ चित्रकार श्री हरिगोपाल सन्नू हर्ष के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में आज के मुख्य अतिथि रहे कवियत्री चंचला पाठक जो कि राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वेद ओर तंत्र पर पत्रवाचन किये गये है तथा
इनके लघु नाटक,’विनीयोंगशच’ ओर ‘सक्रांति’ पुरुस्कत है। साथ ही विश्व वेद सम्मेलन में भी सहभागीता रख चुके है।
इनकी कविता “मंदिर कि भितियों में आलोक तलाशते लोग ” पर चित्रकार राम कुमार भादाणी द्वारा पेंटिंग बनाई गइई पेंटिंग जो कि कविता ” जिसमे कविता और चित्रकला का अद्भुत मेल देखने को मिला। कविताओं में जीवन के विभिन्न रंगों को उकेरा गया है, जिसे शब्दो को अपने चित्रों में पिरोया गया है। इन चित्रों में कविता की भावनाओं और विचारों को एक नया आयाम दिया गया है।
चित्रकार धर्मा स्वामी ने बताया कि भादाणी की चित्रकला में कविता की गहराइयों को उकेरने की अद्वितीय क्षमता है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रही है।
कविता पर बने चित्र की गहराइयों को दर्शाते हैं और दर्शकों को एक अनोखे अनुभव से गुजरने का अवसर प्रदान करते हैं। यह कार्यक्रम न केवल कला प्रेमियों के लिए बल्कि साहित्य जगत में शब्दो को रंग ओर रेखाओ में संयोजन का अनोखा प्रयोग किया जा रहा है।
चित्रकार गणेश रंगा ने धन्यवाद देते हुवे कहा कि कला और साहित्य के क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत की है।

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