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बीकानेर,जिले के किसानो के साथ एमएसपी के नाम से की जा रही है ठगी तथा धोखा, यह कहना है जिला कांग्रेस कमेटी के देहात अध्यक्ष बिशनाराम सियाग का।

सियाग ने बताया कि एमएसपी खरीद के टेण्डर की प्रक्रिया अपनाए बिना ही भाजपा विधायकों के चहेते लोगों को सीधे कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं।जिससे जिन ठेकेदारों को टेण्डर दिए गए हैं वे कर रहे हैं अवैध वसूली तथा पक्षपात। मूंगफली तुलाई से पहले किसानों से 15 से 20 हजार रुपये रिश्वत के रूप में अवैध वसूली की मांग कर रहे हैं,जो किसान पैसा नहीं देता है उसकी मूंगफली नहीं तोली जाती है।
सियाग ने कहा कि इस प्रकार की ठगी और अवैध वसूली के बाद किसान को बचा क्या?किसान पहले पोर्टल पर पंजीकरण के लिए और फिर खरीद केन्द्रो पर लाइनों में लगकर परेशान होता है।एमएसपी खरीद में पारदर्शिता नहीं होने के कारण किसान परेशान है और अपनी मुंगफली को बाजार में बेचने के लिए मजबूर हैं।एमएसपी में मुंगफली की दर लगभग 6780रुपये है, जबकि बाजार में लगभग4200रुपये में खरीद होती है। एमएसपी की कागजी घोषणाओं से किसान को नुकसान हो रहा है।
पोर्टल पर पंजीकरण बन्द होने से बहुतायत में किसान एमएसपी पंजीकरण से वंचित रह गए हैं।पोर्टल पर पंजीकरण की तिथि बढ़ाकर किसानों को पंजीकरण कराने की छूट दी जानी चाहिए।इसके अलावा एक जनाधारकार्ड अर्थात एक परिवार से केवल 40 क्विंटल मुगफली खरीद की जा रही है जो कि ऊंठ के मुंह में जीरे के समान है।एक परिवार के पारिवारिक बंटवारें में जनाधार से जुड़े सदस्यों की अलग अलग खातेदारी होती है ऐसी स्थिति में एक घर में लगभग 300 क्विंटल मूंगफली का उत्पादन होता है उसमें से केवल मात्र 40क्विंटल खरीद की मात्रा बेमानी है।सरकार को जनाधार में जुड़े सभी सदस्यों को मध्यनजर रखते हुए मूंगफली की खरीद की मात्रा उसी अनुपात में बढ़ानी चाहिए।

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