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बीकानेर। शहर में सक्रिय अतिक्रमण माफिया जगह जगह अतिक्रमण कर कमाई कर रहे है। पीबीएम होस्पीटल के चहुंओर अवैध रूप से लगे खोखों और ठेले का जमावड़ा देखने में भले ही मामूली अतिक्रमण हो लेकिन इनसे जुड़ी सच्चाई खासी चौंकाने वाली है। सिर्फ पीबीएम होस्पीटल ही नहीं शहरभर के प्रमुख बाजारों और व्ययस्तम मार्गो पर अवैध रूप से लगाये खोखों और ठेलों से जुड़े इस मामले की पड़ताल में सामने आया है कि यह सारा मामला सालाना करोड़ो रूपये की कमाई से जुड़ा है। इसमें बीकानेर के रसूखदार अतिक्रमण माफियाओं के तार जुड़े हुए है। अतिक्रमणों की आड़ में मुफ्त की जमीनों पर खोखों और ठेलों के जरिये करोड़ो की कमाई के इस खेल में पुलिस के अलावा नगर निगम और नगर विकास न्यास अधिकारियों के तार भी जुड़े हुए है । अतिक्रमण माफिया पहले जगह चिन्हित करते है,फिर खोखा या ठेला खड़ा कर देते है। फिर उसे किराये पर चढ़ा देते है। इनमें कई खोखों-ठेलों का मंथली किराया सात से दस हजार है । पड़ताल में पता चला है कि पीबीएम होस्पीटल के चहुंओर लगे खोखे-ठेले शहर के रसूखदार अतिक्रमण माफियाओं ने लगवा रखे है। इसी तरह कईएम रोड़ पर रतन बिहारी पार्क के चहुंओर भी प्रभावशाली अतिक्रमण माफियाओं ने अपने खोखे और ठेले लगा रखे है। फिलहाल अतिक्रमण माफियाओं का फोकस राजीव गांधी मार्ग पर है। जहां अतिक्रमणों की तादाद लगातर बढ़ती जा रही है। इसके अलावा चिकित्सीय स्थलों,प्रमुख मार्केटों,रेलवे स्टेशन,कोटगेट,फड़ बाजार,हैड पोस्ट ऑफिस,पुराना बस स्टेण्ड,म्यूजियम सर्किल,पंचशति सर्किल समेत तमाम ऐसे इलाके जहां लोगों की भीड़ रहती है,वहां अतिक्रमण माफियाओं ने खोखे और ठेले लगाकर अतिक्रमण कर रखे है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि कई इलाकों में दुकानदार और प्रतिष्ठान संचालक भी अपनी दुकानों प्रतिष्ठानों के आगे खोखे-ठेले लगवाकर किराया वसूली करते है। अतिकमण माफियाओं का नेटवर्क खंगालने पर खुलासा हुआ है कि अवैध रूप से लगे खोखों-ठेलों के जरिये किराया वूसली के इस खेल में पुलिस के साथ नगर निगम और नगर विकास न्यास के अधिकारियों की हिस्सेदारी है। यहीं वजह है कि शहर में कभी कभार चलाये जाने वाले अतिक्रमण हटाओं अभियान के दौरान पुलिस जाब्ते के साथ नगर निगम और नगर विकास न्यास की टीमें जगह जगह लगे खोखों और ठेलों को हटाने की औपचारिकता निभा कर चली जाती है। अगले दिन अतिक्रमण माफिया फिर कब्जा जमा लेते है। बीकानेर शहर में पुलिस,नगर निगम और नगर विकास न्यास प्रशासन की शह पर अतिक्रमण माफियाओं का यह खेल अभी से नहीं सालों से चल रहा है। इन माफियाओं में बीकानेर के कई सियासी नेता और पार्षद भी शामिल है।

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