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बीकानेर। बीकानेर के पूरे जिले व ग्रामीण क्षेत्रों में हर गली मोहल्ले में कोई ना कोई झोलाछाप या फिर अवैध क्लीनिक संचालक मिल जाएंगे, जो अपने इसी क्लिनिक की आड में गर्भपात जैसे अवैध धंधे को बड़ी आसानी से अंजाम दे रहे हैं। गौरतलब है कि ऐसे क्लीनिक में नौसीखिए डिलीवरी जैसे काम करते हैं। जिसके चलते कई बार जच्चा-बच्चा जान गंवाने की स्थिति में पहुंच जाते हैं। कई बार तो बच्चे की मौत तक हो जाती है, लेकिन आज तक ना तो चिकित्सा विभाग और ना ही उपखंड प्रशासन ऐसे क्लीनिक पर कार्रवाई करते हुए दिखा है। शहर में आये दिन अस्पताल व अन्य जगहों पर  भू्रण लावारिस हालात में मिलते है  जिसको गर्भपात करके निकाला दिया जाता है लेकिन आज तक भ्रूण फैकने वाले या गर्भपात करवाने वाले पकड़ में नहीं आये है। जानकारी ऐसी मिली है निजी अस्पतालों में ऐसे काम बड़े ही आराम किये जाते है जहां पैसा देकर गर्भपात करवा लिया जाता है।
सरकारी चिकित्सकों ने भी खोल रखे हैं निजी क्लीनिक
जिन चिकित्सकों पर गरीब मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी है। वह सरकारी चिकित्सक भी पैसा बनाने में लगे हुए हैं। कई ऐसे सरकारी चिकित्सक हैं, जिन्होंने अपने-अपने निजी क्लीनिक खोल रखे हैं, जो अपने क्लीनिक में मरीजों के साथ इलाज के नाम पर मोटा पैसा वसूलते हैं।
जांच एवं दवाइयों में भी कमीशन
बीकानेर व ग्रामीणा इलाके की  चिकित्सा व्यवस्था इतनी बदतर हो चुकी है कि चिकित्सक पैसे कमाने के लालच में विभिन्न प्राइवेट पैथोलॉजी एवं दवाई विक्रेताओं से अपना कमीशन सेट कर लेते हैं। जिसके चलते मरीज को दवाई उस रेट पर मिलती है। जिसमें कमीशन भी निकल जाए, लेकिन सब कुछ जानकारी होने के बावजूद आज तक ऐसे संचालकों एवं चिकित्सकों पर कोई भी कार्रवाई ना हो पाना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

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