
- बीकानेर। डेंगू से बचना है तो खूब पीओ बकरी का दूध। बकरी के दूध में वे सब जरूरी पौषक तत्व है जो डेंगू से बचाने के साथ-साथ प्लेटलेट्स बढ़ाने में कारगर है। आयुर्वेद चिकित्सक बकरी का दूध सेवन करने की सलाह दे रहे है। बकरी के दूध के डेंगू में असरदार होने की जानकारी मिलने पर दूध की डिमांड बढ़ गई है। कई बकरी पालक जरूरतमंदों के दूध नि:शुल्क उपलब्ध करवा रहे हैं।
पैसों का क्या, किसी की ज़िंदगी से ज्यादा नहीं
राणीसर बास निवासी मोहम्मद शफीक के घर पर एक बकरी है, जिससे हर दिन दो किलो दूध मिलता है। वे बताते है कि पिछले हफ़्ते से दूध लेने के लिए लोग आ रहे है। हालात यह है कि दूध कम पड़ रहा है। दूध वहीं लोग ले जा रहे है जिनके घर में किसी को डेंगू पीड़ित है।
गांव से बोतल मे जा रहे
आडसर गांव निवासी राजूराम बताते हैं कि वह रेवड़ चराते हैं, उनके पास 36 बकरियां है। बकरी का दूध गांव में बच्चों को तकलीफ होने पर पिलाते है लेकिन इन दिनों डेंगू बुख़ार के कारण कई लोग दूध खरीदने आ रहे है।
मुश्किल से मिल रहा दूध
डेंगू काबू नहीं हो रहा। हालात बद से बदतर हो रहे है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के मुताबिक बकरी का दूध डेंगू से बचाता है। शहरी क्षेत्र में बकरी का दूध सौ रुपए किलों बिक रहा है। शिशु अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजन ने बताया कि बकरी का दूध हल्का होता है जो बच्चों के लिए सेहतमंद रहता है। आयुर्वेद चिकित्सक ने बकरी का दूध, पपीते के पत्तों का रस पिलाने की सलाह दी है। बकरी का दूध बमुश्किल मिल रहा है। बकरी के दूध की डिमांड हाल ही के दिनों में बढ़ी है।
बकरी के दूध में सेलेनियम जो डेंगू से लड़े
आयुर्वेद चिकित्सक मनीष गहलोत बताते हैं कि बकरी के दूध में सेलेनियम होता है। दरअसल, डेंगू में सेलेनियम और प्लेटलेट काउंट कम होने का खतरा होता है। बकरी के दूध से शरीर को सेलेनियम मिलता है। इससे डेंगू से लड़ने में मदद मिलती है. यह गाय के दूध में भी होता है, लेकिन बकरी के दूध में मात्रा ज्यादा होती है. साथ ही बकरी का दूध अलग अलग मिनरल के पाचन में उपयोगी भी होता है। बकरी के दूध में पोटेशियम, कैल्शियम, क्लोराइड, फास्फोरस, सेलेनियम, जिंक और तांबा गाय के दूध की तुलना में ज्यादा होते है।