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बीकानेर,अक्सर आपने ट्रैफिक पुलिस वालों को हेलमेट न पहनने, गाड़ी की सीट बेल्ट न लगाने या कागजात पूरे न होने, रेड लाइट जंप करने पर चालान करते देखा या सुना होगा. ज्यादातर लोग इन्हीं को यातायात नियम मानते हैं.

लेकिन, इनसे अलग नियमों की एक लंबी चौड़ी लिस्ट है, जिसमें कई दिलचस्प और मजेदार नियम भी शामिल हैं. आईए इन्हीं नियमों के बारे में जानते हैं.

लखनऊ: गाड़ी, चाहे दो पहिया हो या चार पहिया या उससे बड़ी, उसको चलाने के नियम होते हैं. उसके रखरखाव के लिए भी नियम बने हैं. लेकिन अभी तक हम सिर्फ कुछ ही नियमों के बारे में जानते हैं. जिनके उल्लंघन पर यातायात पुलिस चालान काटती है. जैसे, रेड लाइट जंप करना, सीट बेल्ट न लगाना, कागजात पूरे न होना, हेलमेट न पहनना आदि. लेकिन, इन नियमों के इतर कई दिलचस्प और मजेदार नियम भी हैं जिनको तोड़ने पर चालान कटता है.

इनमें से ही एक है कि वाहन चलाते समय अगर हवाई चप्पल पहने हैं तो भी चालान किया जा सकता है. इसके अलावा भी कई और दिलचस्प नियम है जिन्हें चालान के दायरे में रखा गया है. यह नियम सुनकर आप भी चौंक जाएंगे. विभागीय नियमावली में चालान की जो सूची है उसमें कई तरह के चालान हैं, लेकिन नियमों के उल्लंघन पर किए महज कुछ ही जा रहे हैंजानिए कुछ दिलचस्प नियमों के बारे में

मोटर यान अधिनियम 1988 में दो पहिया, चार पहिया, ट्रकों और बसों के नियमों का उल्लंघन करने पर चालान की व्यवस्था की गई है. कुछ मामलों में तो चालान की कारवाई आम है, लेकिन कई तरह के ऐसे भी नियम हैं जिन पर चालान तो हो सकता है पर उनका कोई ग्राउंड नहीं बनता, जिससे चाहकर भी चालान नहीं हो पाता. दोपहिया वाहनों के चालान के मामले में हेलमेट न लगाने, ड्राइविंग लाइसेंस न होने पर, प्रदूषण सर्टिफिकेट न होने पर चालान किया जाता है, लेकिन एक और तरह से अधिकारी अपने विवेक से चालान कर सकते हैं. वह है अगर चप्पल या फिर सैंडल पहन कर वाहन चलाते हैं तो भी कार्रवाई की जा सकती है.

यह पूरी तरह से चेकिंग अधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है. हालांकि अधिनियम में इसका प्रावधान नहीं है, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि अनसेफ ड्राइविंग या डेंजर ड्राइविंग मानकर कार्रवाई की जा सकती है, क्योंकि चप्पल पहन कर वाहन चलाना खतरनाक होता है. इससे दुर्घटना हो सकती है. हालांकि इस तरह के चालान काफी कम किए जाते हैं, लेकिन वाहन स्वामियों को जागरूक जरूर किया जाता है कि वाहन चलाते समय चप्पल या सैंडल के बजाय जूते पहनें. अगर चप्पल पहन कर वाहन चलाने पर कार्रवाई की जाए तो ₹1000 तक का चालान किया जा सकता है.

एक साल से ज्यादा दूसरे राज्य में नहीं चल सकती गाड़ीः मोटर यान अधिनियम 1988 में 12 माह से अधिक अवधि तक अन्य राज्य का नंबर इस्तेमाल करने पर वाहन के चालान का प्रावधान है. कहने का मतलब है कि अगर कोई वाहन स्वामी किसी राज्य की गाड़ी दूसरे राज्य में चला रहा है और एक साल से ज्यादा का समय हो चुका है तो चेकिंग के दौरान अधिकारी ऐसे वाहन पर पहली बार में ₹500 और दूसरी बार में 1500 रुपए का चालान कर सकता है. हालांकि इसमें परिवहन विभाग के अधिकारियों के सामने बड़ी समस्या यह आती है कि अगर दूसरे राज्य के नंबर की गाड़ी पकड़ते हैं तो इसका साक्ष्य उनके पास नहीं होता कि गाड़ी एक साल से ज्यादा समय से संचालित हो रही है. ऐसे में वाहन स्वामी कोई भी बहाना बता देता है और कार्रवाई नहीं हो पाती, लेकिन नियम है, भले उसका इस्तेमाल न हो पा रहा हो.

क्या कहते हैं अधिकारीः लखनऊ के आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप कुमार पंकज का कहना है कि परिवहन विभाग के नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. नियमों का उल्लंघन करने पर चेकिंग के दौरान एक्शन लिया जाता है. जहां तक चप्पल पहनकर वाहन चलाने पर चालान का सवाल है तो यह नियमों में तो नहीं है लेकिन अनसेफ ड्राइविंग या डेंजर ड्राइविंग के तहत चालान किया जा सकता है. यह जुर्माना ₹1000 तक हो सकता है. बाहरी राज्यों के वाहन जो एक साल से ज्यादा समय होने के बावजूद दूसरे राज्य में संचालित होते हैं उन पर चालान की कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन कोई साक्ष्य न होने पर ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करना काफी मुश्किल होता है. विभिन्न तरह के चालान चेकिंग के दौरान किए जाते हैं.

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