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बीकानेर,राजस्थान में गुजरात फाॅर्मूला लागू होता है तो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और किरोड़ीलाल मीना समेत बीजेपी के तीन दर्जन से अधिक दिग्गजों के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में टिकट कट सकते हैं।बीजेपी ने गुजरात में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रयोग किए। पूर्व सीएम विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल का टिकट काटकर घर बैठा दिया। कहा गया कि ये मार्गदशक मंडल में होंगे और युवाओं का मार्गदर्शन करेंगे। अब अन्य राज्यों में भी मार्गदर्शन मंडल की राह खुल सकती है। जिससे राजस्थान बीजेपी नेताओं का नंबर आ सकता है। क्योंकि अगले साल 2023 में यहा चुनाव होने जा रहे हैं। राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। बीजेपी राजस्थान जीतना चाहेगी। गहलोत-पायलट विवाद की वजह से बीजेपी राह आसान हो सकती है। बीजेपी राजस्थान में सरकार बनाने की जद्दोजहद में राजस्थान के उम्रदराज नेताओ का टिकट काटकर मार्गदर्शक मंडल में शामिल कर सकती है।

बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने दिए थे संकेत

बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया ने तीन महीने पहले ऐसे संकेत दिए थे। गुजरात चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद पूनिया के दावों को बल मिल रहा है। सतीश पूनिया ने एक कार्यक्रम रिटायरमेंट की उम्र 70 साल बताते हुए सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी थी। उन्होंने 70 साल में रिटायरमेंट की मजबूती से पैरवी करते हुए चुनाव में नई लीडरशिप खड़ी करने की बात कही। यदि BJP ने इस फॉर्मूले के आधार पर टिकट बांटे तो विधानसभा और लोकसभा चुनावमें 38 से ज्यादा विधायक-सांसद और पूर्व विधायकों के टिकट कटेंगे। ​​​​​अगले चुनाव से पहले 70 पार होने वालों में मौजूदा 12 विधायक, 5 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद हैं। 18 पूर्व विधायक और विधायक उम्मीदवार भी 70 पार की गिनती में आ रहे हैं। पूनियां के इस फॉर्मूले पर यदि केंद्र काम करता है तो दिग्गज भाजपा नेताओं में शामिल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ, वासुदेव देवनानी, नरपत सिंह राजवी, अशोक परनामी और किरोड़ी लाल मीना के टिकटों पर संकट खड़ा हो सकता है।

पार्टी युवाओं को मौका देना चाहती है

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी गुजरात फाॅर्मूले के आधार पर पर टिकट बांटे तो विधानसभा और लोकसभा चुनाव में 38 से ज्यादा विधायक-सांसद और पूर्व विधायकों के टिकट कटेंगे। बता दें, उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड, गोवा जैसे राज्यों में चुनाव से सबक लेते हुए बीजेपी ने हिमाचल में भी 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टिकट काट दिए थे। पार्टी युवाओं को ज्यादा मौका देना चाहती है, अगर किसी सीट पर मजबूरी में भाजपा के पास मजबूत नेता नहीं रहेंगे तो उस दशा में ही 70 साल से ऊपर के लोगों को टिकट मिलेगा। ऐसी स्थिति बीजेपी के दिग्गज नेता अपनी विरासत को बचाए रखने के लिए अपने वारिशों को टिकट देने पैरवी कर सकते हैं।

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