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बीकानेर,एक फर्म से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते एसीबी की गिरफ्त में आए IAS अधिकारी नन्नू मल पहाड़िया और RAS अधिकारी अशोक सांखला को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है।*

एक फर्म से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते एसीबी की गिरफ्त में आए IAS अधिकारी नन्नू मल पहाड़िया और RAS अधिकारी अशोक सांखला को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। दोनों अधिकारियों के 48 घंटे से ज्यादा पुलिस अभिरक्षा में होने के चलते सरकार ने दोनों को निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान दोनों को अपनी हाजिरी प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग जयपुर के यहां देनी होगी।

गौरतलब है कि एसीबी ने दोनों अधिकारियों को शनिवार को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था, जिस पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था और कोर्ट से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। आइएएस नन्नू मल पहाड़िया आरएएस अधिकारी अशोक सांखला और एक दलाल तीनों को अलवर सेंट्रल जेल भेजा गया है। बता दे कि 5 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हुए अलवर के पूर्व कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया के घर की तलाशी में महंगी शराब की बोतलें भी मिली थी जिनकी कीमत करीब 1 लाख रुपए बताई जा रही है।

नन्नूमल पहाडि़या को अंडर ट्रायल बंदी नंबर 1024 अशोक सांखला को 1025 नंबर आवंटित किया गया है। जेल प्रशासन ने नन्नूमल पहाडि़या और अशोक सांखला को जेल के पुराना हॉस्पिटल वार्ड के बैरक में रखा है। एसीबी ने शनिवार को पूर्व जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडि़या और सेटलमेंट अधिकारी आरएएस अशोक सांखला को गिरफ्तार किया था।

लग्जरी लाइफ जीने वाले, महंगी शराब पीने वाले रिश्वतखोर नन्नूमल पहाडि़या और अशोक सांखला को रविवार देर शाम अलवर जेल में दाखिल करा दिया था। जेल अधीक्षक संजय यादव के अनुसार रविवार रात दोनों बंदियों को खाने में दाल-राेटी दी गई। बैरक में फर्श पर सोए और बैचेन दिखे। सुबह अन्य कैदियों के साथ ही तय समय पर उठे और सात बजे चाय-नाश्ता दिया गया। साढ़े 9 बजे दिन का खाना दिया गया।

रिश्वत के मामले में धरे गए पूर्व जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडि़या और सेटलमेंट अधिकारी अशोक सांखला को जेल में अन्य बंदियों से अलग पुराने हॉस्पिटल वार्ड की बैरक में रखा गया है। दोनों आरोपियों को अलग वार्ड में रखने पर सवाल भी उठने लगे हैं, चर्चा है कि अलग रखने पर दोनों आरोपियों को वीआइपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। अगर दोनों आरोपियों को अन्य बंदियों के साथ रखा जाता तो वीआइपी ट्रीटमेंट देना संभव नहीं हो पाता।

दोनों आरोपियों के अलग बैरक में रखने पर जेल प्रशासन का तर्क है कि नन्नूमल पहाडि़या ने जिला कलक्टर रहते हुए कई बंदियों की पैरोल अर्जी खारिज कर दी थी। उनकी गिरफ्तारी के बाद से जेल के बंदियों में इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं थी, जिसके मद्देनजर पहाडि़या को अलवर सेंट्रल जेल के पुराना हॉस्पिटल वार्ड में रखा गया है। उनके साथ ही आरएएस सांखला को भी उसी वार्ड में रखा गया है, ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि पहाडि़या और अशोक सांखला को अलग वार्ड में वीआइपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।

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