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बीकानेर,अणुव्रत समिति, गंगाशहर द्वारा आज अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत शांतिनिकेतन ,गंगाशहर के प्रांगण में शासन श्री साध्वी श्री शशिरेखा जी और साध्वी श्री ललित कला जी के सानिध्य में ” *अणुव्रत प्रेरणा दिवस*” मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ख्यातनाम मोटीवेशनल स्पीकर और कैरियर काउंसलर डॉ. चंद्रशेखर श्रीमाली थे। कार्यक्रम की शुभ शुरुवात मंगल मंत्रोच्चार और संगठन मंत्री जैन मनोज सेठिया द्वारा मंगलाचरण के साथ हुई।

अध्यक्ष भंवर लाल सेठिया ने बताया की ” साध्वी श्री शशिरेखा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा की ” जीवन में धर्म और सदकर्म आवश्यक है, इसका आधार अणुव्रत के नियम में है। इसी से हम वास्तविक सुख प्राप्त कर पाएंगे।”
साध्वी ललित कला जी ने अपने पाथेय में कहा की ” अणुव्रत भाव शुद्धि देता है जिससे भाव शुद्धि हो सकती है।

मंत्री मनीष बाफना ने बताया की मुख्य वक्ता डॉ. चंद्रशेखर श्रीमाली ने अपने वक्तव्य में कहा की ” मैं सौभाग्यशाली हूं की पिछले 17 सालों से अणुव्रत से जुड़ा हूं, मात्र जैन ही नही अपितु हर व्यक्ति द्वारा अणुव्रत को अपनाना चाहिए। अणुव्रत में मानव निर्माण के समस्त तत्व विद्यमान है । अभिभावकों की बच्चों के प्रति संस्कार निर्माण की दृष्टि से लापरवाही को घातक बताया , वर्तमान शिक्षा पद्धति पर प्रहार करते हुवे उन्होंने कहा की नैतिक शिक्षा के अध्याय ही पाठ्यक्रम से हटा दिया गए हैं। ऐसे में अणुव्रत एक माध्यम बन सकता है नैतिक उन्नयन और संस्कार निर्माण का।”
विषय प्रवेश पर बोलते हुवे महिला मंडल अध्यक्ष संजू जी लालाणी ने अणुव्रत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बताते हुवे कहा की राष्ट्रीय चारित्र निर्माण के लिए गुरुदेव तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात किया और आह्वाहन किया की ” *असली आज़ादी अपनाओ”*

 

अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के संयोजक मनोज सेठिया ने बताया की ” कार्यक्रम के अंतिम चरण में मुख्य वक्ता का साहित्य भेंट कर और पताका पहनाकर सम्मान उपासक एवम वरिष्ठ जैन संस्करक कन्हैयालाल जी बोथरा, अध्यक्ष भंवर लाल जी सेठिया और राजेंद्र जी नाहटा ने किया।

कार्यक्रम के कुशल संचालक अनिल बेद ने बताया की परिचय और स्वागत वक्तव्य मंत्री मनीष बाफना ने दिया । आभार ज्ञापन संयोजक मनोज सेठिया ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मांगीलाल बोथरा, कुशल बाफना, नवीन सोलंकी, हेमराज गुलगुलिया का योगदान रहा।

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