बीकानेर,नई दिल्ली। अक्सर आपने देखा होगा की शादी के बाद कुछ पति-पत्नी की आपस में अनबन हो जाती है और बात तलाक तक पहुंच जाती है। तलाक लेने के लिए लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं और इस बीच 6 से 8 महीने का लंबा समय बीत जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगर पति और पत्नी दोनों तलाक के लिए राजी हों तो उन्हें तुरंत तलाक मिल जाएगा। इसको लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि किसी शादी में संबंध सुधरने की गुंजाइश ही नहीं बची हो तो ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से तुरंत तलाक मंजूर किया जा सकता है। इसके लिए 6 महीने की प्रतीक्षा अवधी को भी खत्म किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि संविधान के आर्टिकल 142 के तहत उसे यह अधिकार है कि कोई भी न्यायोचित फैसला दे सकता है। बेंच ने कहा, ‘हमने व्यवस्था दी है कि सुप्रीम कोर्ट के लिए किसी शादीशुदा रिश्ते में आई दरार के भर नहीं पाने के आधार पर उसे खत्म करना संभव है। अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को इसका अधिकार है।’
सुजस्टिस खन्ना ने संविधान बेंच का फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘ऐसे मामले में फैमिली कोर्ट जाने की जरूरत नहीं होगी जिसमें रिश्ते सुधरने की कोई गुंजाइश बची न हो। फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए 6 से 18 महीनों तक इंतजार करना पड़ता है।’ सुप्रीम कोर्ट ने कुछ गाइडलाइन भी तय की हैं। तलाक के फैसले पर विचार करते हुए इनका ध्यान रखना होगा। कोर्ट ने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट में संबंध सुधरने की गुंजाइश ना होने वाली नहीं कही गई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इसके आधार पर तलाक मंजूर कर सकता है।