बीकानेर,बीकानेर के डिजिटल गुरुजी के नाम से विख्यात शिक्षक हुकम चंद चौधरी का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें दिल्ली में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा। एक शिक्षक के लिए यह बहुत ही गौरव का पल होगा जब देश के राष्ट्रपति द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाएगा। चौधरी, जो वर्तमान में बीकानेर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बीएसएफ में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं, ने शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता के प्रतीक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। डिजिटल गुरूजी के रूप में प्रसिद्ध चौधरी ने शिक्षा के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय योगदान किए हैं, जो उन्हें इस सम्मान के योग्य बनाते हैं।
शिक्षा में नवाचार और समर्पण
हुकम चंद चौधरी ने अपने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अटूट समर्पण और अथक प्रयास किए हैं। उन्होंने शिक्षा को एक व्यापक अनुभव के रूप में प्रस्तुत किया है, जो केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है। उनके द्वारा निर्मित विभिन्न ऐप और वेबपोर्टल कोरोना काल में छात्रों के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित हुए। चौधरी द्वारा निर्मित फोर्थ स्क्रीन एजुकेशन और ज्ञानोत्सव क्विज पोर्टल लाखों छात्रों को लाभांवित कर रहे हैं। अब तक उन्होंने ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिताओं के माध्यम से 40,000 से अधिक छात्रों को लाभान्वित किया हैं। चौधरी द्वारा विकसित 80 से अधिक मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स, तथा कबाड़ से जुगाड़ की थीम पर बनाई गई ऑटोमैटिक स्कूल बेल को काफी सराहना मिली है।
प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन
हुकम चंद चौधरी के मार्गदर्शन में, उनके विद्यार्थियों ने कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। उनके छात्रों ने इंस्पायर अवार्ड से लेकर विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
शैक्षिक सुधारों में अग्रणी भूमिका
चौधरी ने विद्यालय में विद्यार्थियों के नामांकन बढ़ाने और ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने में उनके प्रयास विशेष रूप से सराहनीय हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई बालिकाओं ने शिक्षा की ओर वापसी की। चौधरी का मानना है कि प्रत्येक विद्यार्थी को शिक्षा का अधिकार है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने हरसंभव प्रयास किए हैं।
अपूर्ण शिक्षा को पूर्ण करने का प्रयास
हुकम चंद चौधरी उन छात्रों के लिए विशेष प्रयास करते हैं जो किसी कारणवश 10वीं तक की शिक्षा पूर्ण नहीं कर पाते। वे ऐसे छात्रों को ओपन बोर्ड के माध्यम से 10वीं कक्षा पास करवाने का कार्य पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं।
गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए लर्निंग किट
हुकम चंद चौधरी गरीब और जरूरतमंद बच्चों को अपने खर्च पर लर्निंग किट वितरित करने का कार्य भी लंबे समय से कर रहे हैं। उनका उद्देश्य यह है कि शैक्षिक सामग्री के अभाव में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इन लर्निंग किट्स के माध्यम से वह शिक्षा की पहुँच को अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
खेल के माध्यम से शिक्षा
शनिवार को आयोजित होने वाले “नौ बेग डे” पर हुकम चंद चौधरी अपनी रोचक खेल गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को खेल खेल में सीखाने का प्रयास करते हैं। उनका उद्देश्य है कि खेल के माध्यम से शिक्षा को अधिक मजेदार और प्रभावी बनाया जा सके, जिससे विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया को प्रेरित और आनंदमय बनाया जा सके।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण
चौधरी ने विद्यालय परिसर में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर पौधारोपण अभियान चलाए हैं। उनके द्वारा लगाए गए पौधे अब बड़े पेड़ों का रूप ले चुके हैं, जो उनकी दूरदर्शिता और पर्यावरण के प्रति उनकी संवेदनशीलता का प्रमाण हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके विद्यार्थी भी पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें और इस दिशा में सक्रिय रूप से योगदान दें।
तकनीकी नवाचार और आईसीटी का उपयोग
चौधरी ने शिक्षण में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का व्यापक उपयोग किया है, जिससे विद्यार्थियों को कक्षा कक्ष में इंटरैक्टिव शैक्षिक माहौल मिले। उन्होंने हमेशा नवीनतम तकनीकों को अपनाया और अपने विद्यार्थियों को भी इसके प्रति प्रेरित किया। चौधरी ने नवाचार को अपने शिक्षण का अभिन्न हिस्सा बनाया, जिससे शिक्षा को और अधिक प्रभावी और रोचक बनाया जा सके।
पुरस्कार और सम्मान
चौधरी को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं और शिक्षा में योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है। उन्हें 2022 में राज्य शिक्षक पुरस्कार, ई-गवर्नेंस राजस्थान पुरस्कार 2018, और श्री गुरुजी सम्मान पुरस्कार 2018 सहित कई अन्य पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनके द्वारा विकसित स्माइल डिजिटल लर्निंग ऐप को एनसीईआरटी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रोग्रामर का पुरस्कार मिला। इसके अतिरिक्त, उन्होंने एनसीईआरटी द्वारा आयोजित 22वें अखिल भारतीय बाल शैक्षिक ऑडियो विजुअल महोत्सव में भी बेस्ट प्रोग्रामर का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किया है। उन्हें जिला प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता दिवस और बीकानेर स्थापना दिवस पर भी सम्मानित किया गया है, और विभिन्न निजी संगठनों से 20 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
सतत प्रेरणा और शैक्षिक विकास
चौधरी ने न केवल अपने विद्यार्थियों को प्रेरित किया, बल्कि वे खुद भी लगातार शैक्षिक विकास के प्रति प्रतिबद्ध रहे। उन्होंने 30 से अधिक सेमिनारों और कार्यशालाओं में सक्रिय भागीदारी की और अपने ज्ञान और अनुभवों को अन्य शिक्षकों और छात्रों के साथ साझा किया है। उनके विभिन्न शैक्षिक विषयों पर 6 से अधिक लेख अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं।
हुकम चंद चौधरी का शिक्षण करियर उनके समर्पण, नवाचार, और शिक्षा के प्रति उनके अटूट विश्वास का प्रतीक है। उनके कार्यों ने न केवल उनके विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव लाया है, बल्कि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा भी दी है। उनकी उपलब्धियां और योगदान शिक्षा जगत में अन्य शिक्षकों हेतु सदैव प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे।