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बीकानेर,जब मैं राजनीति में आई थी तो राजमाता विजय राजे सिंधिया ने मुझे कहा था… पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती… गांव में जब आप जाओगे , और लोगों से मिलोगे पांच उंगलिया साथ या अलग अलग होने के बावजूद भी आपको सबको प्रेम से जोड़ने की जरूरत है एक परिवार के रूप में जोड़ने की जरूरत है.. पॉलिटिक्स ही सब कुछ नहीं है.. जब आप लोगों को अपनाते हो तो उसमें से पॉलिटिक्स पैदा होती है… उसमें वोट पैदा होते हैं… इसलिए किसी का दुख होता है किसी का जख्म होता है.. उनको मलहम लगाने का काम उनको गले से लगाने का काम ये आप लोगों को करने की जरूरत है…आपको याद ये भी होगा जब मैं पहली बार और दूसरी बार भी मुख्यमंत्री बनकर एरिया में गयी थी, स्पेशली जयपुर गयी थी तो इटने बड़े-बड़े पोस्टर और जगह-जगह मेरे लगा दिये थे, आप सब को ये भी याद होगा मैने उन सब को कहा था उतारो यह सभी पोस्टर,इन पोस्टर को लगाकर आप ने मुझे बढ़ाया नहीं है…

https://youtu.be/aemsJMaYHMc

और ये पोस्टर में मेरी शक्ल देख कर कुछ होना जाना नहीं है…मेरे को तो लोग की दिलों में राज करना है…और मेरा काम वो होना चाहिये जो आदमी याद रखें,जब याद रखेगा तो प्यार करेगा, तब मैं उसके दिल के अंदर बस सकूंगी, मेरे लिए सबसे बड़ी बात है कि लोग मुझे याद करते हैं, लोगों के दिल में मेरी बात है कुत्ते बड़ा मेरा सौभाग्य क्या हो सकता है? पोस्टर क्या करेगा मेरे को? पोस्टर से मुझे क्या मिलने वाला है? जब हर एक आदमी मुझे याद रखेगा हर एक आदमी मुझे प्यार करेगा… हर एक आदमी मुझे आशीर्वाद देगा, उससे बड़ी बात क्या हो सकती है, मैं दिल में राज करूं पोस्टर में नहीं? यही मैं कोशिश करती हूं…यही मेरे 30 साल के जीवन का उद्देश्य रहा है…..

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