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बीकानेर,ग्रामीण विकास योजना के क्रियान्वयन में बीकानेर जिले की सभी पंचायत समितियों की अलग अलग स्थिति क्यों है? योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी एंजेसी जिला परिषद है। इसका तात्पर्य यह है कि सीईओ जिला परिषद अपने काम के प्रति गंभीर नहीं है। अन्यथा तो वो ही काम जो श्री डूंगरगढ़ हुए बाकी पंचायत समितियों में होने थे उतने क्यों नहीं हुए ? सीईओ जिला परिषद के पास कोई जवाब है ?जिले की एक पंचायत समिति पहले स्थान पर और संभाग मुख्यालय पर स्थित बीकानेर पंचायत समिति नौवें स्थान पर क्यों है। ग्रामीण विकास एव पंचायती राज योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता, मनरेगा, पंचायत राज से जुड़े विकास कार्यों का क्रियान्वयन, सांसद व विधायक निधि, मुख्यमंत्री जिला नवाचार, राजीव गांधी जल संचय के काम पूरे जिले के हर क्षेत्र में समान रूप से होने चाहिए। काम के क्रियान्वयन का स्तर सभी पंचायत समितियों में अलग अलग क्यों है। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद ने पंचायती राज एव ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा में इस अनदेखी को नोटिस किया। साथ ही विकास के कार्यों में गंभीरता बरतने के निर्देश दिए हैं। जिला कलक्टर ऐसी गंभीरता उपखंडीय जन सुनवाई में दिखाए तो ग्रामीण क्षेत्र में पानी, बिजली, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा की कमियां दूर हो सकेगी। यह बात सही है कि देश के विकास का मापदंड गांवों के विकास को भी माना जा सकता है। बेशक आजादी के बाद गांवों में विकास की अलख जगी है। केंद्र और राज्य सरकारों ने ग्रामीण विकास को पर्याप्त महत्व दिया है। इसके लिए पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग बनाया गया है। केंद्र प्रवर्तित और राज्य सरकार की ग्रामीण विकास योजना भी बनाई है। जिला परिषद ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की (एजेंसी) जिम्मेदारी है। अगर पंचायत प्रतिनिधियों से ग्रामीण विकास योजनाओं का फीड बैक ले तो निराशा होती है। जिला कलक्टर सीईओ जिला परिषद को कामों में गति और योजना क्रियान्वयन में समानता रखने के लिए पाबंद कर सकते हैं अन्यथा सीईओ जिला परिषद की निष्क्रियता का असर पूरे जिले के विकास पर होगा। जिम्मेदारी तो अंतगत्वा जिला कलक्टर की ही होगी।

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