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बीकानेर.दो साल पहले कोरोना काल के दौरान मोनालिसा की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। मोनालिसा की मौत कोरोना से नहीं हुई थी। उसकी हत्या की गई थी।

मोनालिसा जिस युवक के साथ रिलेशनशिप में रह रही थी. उसी ने उसकी हत्या की। इतना ही नहीं,हत्या को कोरोना से मौत होना भी प्रचारित कर दिया।जांच अधिकारी एएसपी अमित कुमार बुडानिया ने बताया कि

खाजूवाला के पांच केजेडी हाल पता वृंदावन एनक्लेव निवासी भवानीसिंह पुत्र गुलाबसिंह को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

स्वपन चौधुरी पत्र हरिप्रसाद चौधुरी ने एफआईआर इस आशय की पुलिस थाना सदर में दर्ज करवाई की आज से करीब 02 साल पहले भवानीसिंह ने कुछ लोगो के साथ मिलकर फर्जी तरीके से मेरी जमीन हड़पने के लिये मेरी बेटी मोनालिसा को प्यार के जाल में फंसा कर झूठी शादी कर उसकी हत्या कर दी। जिस पर पुलिस थाना सदर में मुकदमा नम्बर 420/22 धारा 3023,201, 447,420, 467,468, 471, 120बी भादस में दर्ज कर अनुसंधान श्री अमित कुमार आईपीएस अति. पुलिस अधीक्षक, शहर बीकानेर द्वारा शुरू किया गया ।

कार्यवाही पुलिस:-अनुसंधान अधिकारी ने दौराने अनुसंधान इस घटना से संबंधित सभी लोगो के तकनीकी साक्ष्य जुटाने के लिये सभी की सीडीआर मय लोकेशन प्राप्त की जिसमें अनुसंधान से यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि भवानीसिंह मृतका मोनालिस के साथ मृत्यु के समय ओमेक्स सिटी जयपुर मे किराये के मकान में रहता था। अनुसंधान के बाद भी जब आरोप की स्पष्टता व समुचित तकनीकी साक्ष्य व गवाहान के बयानों में सुसंगतता प्रकट नहीं हुई तो घटना की स्पष्टता के लिये रूना चौधुरी व भवानीसिंह के 164 सीआरपीसी के कथन करवाये गये। दोनो ने ही अपने कथनों में मोनालिसा की मृत्यु की तारीख के संबंध व मृत्यु के कारणों व घटना के संदर्भ में अलग अलग वर्जन बताये। जिससे भवानी का मोना की मृत्यु के बाद कृत्य संदिग्ध लगा भवानी ने मोना के फिसलकर बेहोश होने की झूठी कहानी बनाई और अपने दोस्त को फोन करके बुलाता है और फिर अस्पताल लेकर जाना बताता है अस्पताल के • रिकॉर्ड से भी ज्ञात हुआ कि मोनालिसा को अस्पताल लेकर नही जाया गया।उसके बाद भवानी ने मोनालिसा के मृत शरीर के निस्तारण के लिये व अपना अपराध छुपाने के लिये कुछ लोगो का सहयोग लेकर मोनालिसा की माता रूना चौधुरी को मोनालिसा की मृत्यु की सूचना देकर मोनालिसा का अंतिम संस्कार जयपुर में करने की अनुमति लेने के बारे में बताया। इन संदिग्ध तथ्यों के संबंध में जब जांच की गई तो पता चला कि आरोपी भवानीसिंह ने रूना चौधुरी से इस संबंध में कभी बात नहीं की। अन्य तकनीकी साक्ष्यों एवं गवाहो के बयान से व दाह संस्कार स्थल से प्राप्त रिकॉर्ड से भवानी के द्वारा हत्या करना, हत्या का सबुत नष्ट करना और महिने भर रूना चौधुरी को गुमराह करना अनुसंधान से साबित हुआ है। हत्या के कारणों के खुलासा के लिये भवानी का पुलिस रिमाण्ड के लिये माननीय न्यायालय में आवेदन किया गया है। इस षडयंत्र में भवानी के साथ साथ अन्य कौन कौन लोग शामिल रहे उनका क्या उदेश्य रहा उनकी षडयंत्र में क्या भूमिका रही इस मामले में पुलिस अग्रिम अनुसंधान करेगी।

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