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बीकानेर,जिला विकास समन्वय एवम निगरानी सीमित (दिशा) की करीब एक साल के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य एवम संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता में मीटिंग हो रही है। इसमें केंद्र प्रवर्तित 40 योजनाओं की समीक्षा होगी। इसमें 10 योजनाएं प्रधानमंत्री के नाम, 9 योजनाएं कृषि विकास और सांसद स्थानीय विकास योजना शामिल है। बीकानेर में इंदिरा गांधी नहर, सी ए डी, वाटर मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट, एकीकृत वाटर शेड , कृषि विकास की समीक्षा में सुधार की अत्यधिक गुंजाइश है। मंत्री जी को प्रशासनिक अधिकारी के काम का भी राजनीति से ज्यादा लम्बा अनुभव है। वे चाहे तो बीकानेर में कृषि, सिंचाई, जल प्रबंधन की पिछले दो साल से आई ठहराव की स्थिति को गति दे सकते हैं। जरूरत राजनीति से इतर इन योजनाओं की निगरानी करने की है। पिछले दो सालों से इलाके की कृषि, सिंचाई विकास, जल प्रबंधन और कृषि उत्पादन और उत्पादकता में ठहराव आया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना भुगतान का मोड बदलने से भुगतान नहीं हो रहे हैं। परम्परागत कृषि विकास योजना में जहां 200 _250 कलस्टर स्वीकृत होते थे अब 5__10 कलस्टर ही स्वीकृत होने लगे है। प्रधानमंत्री फसल योजना में जरूर सुधार हुआ है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना डिग्गी, जलहोज की स्कीम बदल दी गई है। कमांड एरिया डेवलपमेंट एवम वाटर मैनेजमेंट प्रोग्राम का जो हश्र है आप खुद से भी छिपा नहीं है। केंद्र सरकार ने सीएडी और आईएनजीपी को बजट देना बन्द कर दिया है। राष्ट्रीय संपदा इंदिरा गांधी नहर जर्जर और सिंचित क्षेत्र विकास की परियोजनाएं बंद पड़ी है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने में जरूर रिकार्ड काम हुआ है। सांसद स्थानीय विकास योजना में मंचों से जनता को राजी करने और समर्थन में ताली बजाने वाली स्वीकृतियों को लेकर क्या स्थिति हैं आप बखूबी जानते हैं। बाकी योजनाओं पर भी कोरोना काल का असर परिलक्षित है ही। उसमें आपकी निगरानी का क्या दोष है। निगरानी समिति अब आपकी अध्यक्षता में कुछ करें तो करके दिखाएं ? अन्यथा तो मीटिंग खाना पूर्ति है। मीटिंग की क्या सार्थकता रह जाएगी।

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