बीकानेर,डेरे के इतिहास पर गौर करें तो अभी तक डेरा प्रमुख के मुख्य शिष्य को ही डेरे की गद्दी सौंपी गई है. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि हनीप्रीत को ही डेरे का अगला प्रमुख बनाया जा सकता है.क्या डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) की अगली गद्दीनशीन गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत (Honeypreet) ही होगी? दरअसल इस बात की पूरी संभावना इसलिए है क्योंकि डेरे का अब तक यही इतिहास रहा है. अब तक के इतिहास पर नजर डालें तो डेरा प्रमुख का जो मुख्य शिष्य होता है उसे ही गद्दी सौंपी जाती है. और चूंकि इस वक्त राम रहीम गद्दी पर हैं, इसलिए हो सकता है कि उनकी प्रमुख शिष्या हनीप्रीत को ही डेरे की गद्दी का अगला वारिस बनाया जाए. हाल ही में रोहतक की सुनातरिया जेल से 40 दिन की पैरोल पर बाहर आया राम रहीम जल्द ही नए गद्दीनशीन की घोषणा कर सकता है.
डेरे की गद्दी का अब तक का इतिहास
. बता दें कि डेरा सच्चा सौदा की शुरुआत शाह मस्ताना जी महाराज ने अपने गुरु संत सावन सिंह महाराज की आज्ञा पर 29 अप्रैल 1948 को की थी.
. मस्ताना जी के स्वर्गवास के बाद डेरे की गद्दी उनके मुख्य शिष्य शाह सतनाम सिंह को मिली.शाह सतनाम ने 27 सालों तक डेरे की गद्दी संभाली और इसी दौरान गुरमीत सिंह उनका मुख्य शिष्य बना.
. 23 सितंबर 1990 को शाह सतनाम जी ने एक औपचारिक समारोह में गुरमीत राम रही को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया और उसे गद्दी सौंप दी. तब से लेकर आज तक वही गद्दी पर विराजमान है.
कौन है हनीप्रीत
राम रहीम ने डेरे के सभी कागजातों में हनीप्रीत को मुख्य शिष्य बना दिया है. हनीप्रीत राम रहीम की धर्म की बेटी है. उसके पारिवारिक पहचान पत्र में भी बदलाव किया गया है, जिसमें अब उसके परिवार के किसी भी सदस्य का नाम नहीं है. हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा और मां आशा तनेजा फतेहाबाद के रहने वाले हैं, उसका असली नाम प्रिंयका तनेजा है. हनीप्रीत के पिता राम रहीम के अनुयायी थे. वे अपनी सारी प्रॉपर्टी बेचने के बाद डेरा सच्चा सौदा में ही अपनी दुकान चलाने लगे.पैरोल पर आकर कागजों में डलवाया हनीप्रीत का नाम
राम रहीम जब फरवरी 2022 में पहली बार पैरोल पर आया था तो उसने हनीप्रीत के आधार कार्ड में उसके परिवार के नाम कटवा दिये थे और पिता के नाम के आगे अपना नाम अंकित करवा दिया था. बता दें कि हनीप्रीत का पूरा परिवार फिलहाल लंदन में रहता है. राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत व चरणप्रीत कौर और बेटा जसमीत परिवार समेत लंदन जाकर बस गए हैं. राम रहीम की मां नसीब कौर और पत्नी हरजीत कौर अभी इंडिया में ही हैं लेकिन कागजात में अब उनके नाम नहीं हैं.