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बीकानेर, पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था परवान नहीं चढ़ पा रही है। वजह यह है कि चुनावी साल में मंत्रियों और नेताओं के लगातार हो रहे दौरो के कारण पुलिस की व्यसतता बढ़ गई है। इसके अलावा काम का बोझ और लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी की व्यस्तता पहले से ही अधिक है। जिसके चलते यहां पुलिसकर्मियों को नियमित रूप से साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल पा रहे हैं। राजस्थान पुलिस के डीजीपी ने पिछले दिनों प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी किए थे कि पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था शुरू की जाए। डीजीपी के आदेशों के मुताबिक प्रदेश के सभी जिलों में पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था को शुरू कर दिया गया, लेकिन बीकानेर जिले में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश व्यवस्था का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है । इसे लेकर कई पुलिस कर्मियों ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि चुनावी साल होने के कारण जिले मेें रैलिया और धरने प्रदर्शनों के अलावा मंत्रियों नेताओं के दौरे भी बढ़ गये है,ऐसे में उनको साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल पा रहा है। वहीं, नफरी की कमी के कारण थानों में पुलिसकर्मियों पर काम का बोझ अधिक रहता है। जिसके कारण बीकानेर के पुलिस कर्मियों को नियमित रूप से साप्ताहिक अवकाश मिलना तो दूर सालभर में मिलने वाली छुट्टियां भी पूरी नहीं मिल पाती हैं।

पुलिस को तनावमुक्त है उद्देश्य
जानकारी में रहे कि पुलिस थानों और चौकियों में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को अपना कर्तव्य निर्वहन कठिन एवं विपरीत परिस्थितियों में करना पड़ता है। जिसके कारण पुलिसकर्मियों को स्वास्थ्य सम्बन्धी तथा पारिवारिक व सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण उन पर तनाव भी अधिक रहता है। पुलिसकर्मियों को तनावमुक्त करने तथा उनके पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन सौहार्द्र विकसित करने के उद्देश्य से साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था शुरू की गई है। डीजीपी के आदेशों के बाद सभी पुलिस थानों में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने के लिए चार्ज तैयार किया गया। जिसमें रोजाना थानों के 13 से 14 फीसदी पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिए गए। जिले में साप्ताहिक अवकाश व्यवस्था शुरुआती कुछ दिन तो सही चली। पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश भी मिले, लेकिन अब फिलहाल साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है।

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