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बीकानेर,पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन बीकानेर के सयुंक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय कैमल फेस्टिवल (अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव 2025) 10 से 12 जनवरी तक बीकानेर में हर वर्ष की भांति इस बार भी आयोजित होने जा रहा है। इस बार फेस्टिवल की शुरुआत बीकानेर के नगरसेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर के प्रांगण से की जाएगी , जहां अंतरराष्ट्रीय पगड़ी कलाकार पवन व्यास 2025 फिट लंबी पगड़ी बांधकर ,दुनिया की सबसे बडी पगड़ी का दावा पेश करेंगें ।

व्यास ने बताया कि अब तक उनके द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी व सबसे छोटी एवं एक घंटे में सर्वाधिक पगड़ी बनाने का रिकॉर्ड बनाया गया है, साथ ही इस बार यह 2025 फिट लंबी पगड़ी ,मूंछ श्री 2018 राहुल शंकर थानवी के सिर पर बाँधी जायेगी। जिसका अनुमानित वजन 23 किलो होगा ,जो की देशी-विदेशी मेहमानों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी । लक्ष्मीनाथ मंदिर में सुबह 8.30 बजे इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को शुरू किया जाएगा जो कि बीकानेर के लिए एक नया कीर्तिमान होगा । इस रिकॉर्ड को वेरिफाई करने के लिए खास तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड ,लंदन की टीम बीएकनेर आ रही है जो कि इस रिकॉर्ड की जाँच करने के पश्चात प्रमाण पत्र जारी करेगी । हेरीटेज वॉक के संयोजक गोपाल सिंह ने बताया कि वॉक में नगाड़ा, मश्क, चंग और बांसुरी वादन एवं भजन गायन की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। वहीं देशी और विदेशी सैलानी मथेरण, बंधेज, पोट्री, सुनहरी कलम और साफा बांधने की कला से भी रूबरू हो सकेंगे। इस दौरान लोक कलाकार, रोबीले और सजे-धजे ऊंट भी साथ रहेंगे। भांडाशाह जैन मंदिर के पास हरियाणवी रागड़ी की प्रस्तुति दी जाएगी। हैरिटेज वाॅक का काफिला यहां से चूड़ी बाजार की ओर बढ़ेगा। यहां लाख की चूड़ी बनाने की कला को दर्शाया जाएगा। सब्जी बाजार की ऐतिहासिक चौकी पर शहर की ऐतिहासिक रम्मत का प्रदर्शन किया जाएगा। यहां भुजिया, घेवर और जलेबी बनाने का लाइव प्रदर्शन किया जाएगा तथा वाॅक के प्रतिभागी इनके स्वाद का लुत्फ भी उठाएंगे। यहीं जूती बनाने की कला का प्रदर्शन भी किया जाएगा। हैरिटेज वाॅक के दौरान मरूनायक चौक में ब्लाॅक और स्क्रीन प्रिंटिंग का प्रदर्शन किया जाएगा। मोहता चौक के बड़े पाटे पर पारम्परिक भोजन बनाने का प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं प्रतिभागियों को कचौड़ी खिलाई जाएगी। यहीं भपंग वादन का प्रदर्शन भी किया जाएगा। मोहता चौक में ही बीकानेर की प्रसिद्ध रबड़ी लाइव बनाई जाएगी। यहीं लोक कलाकारों द्वारा गणगौर के गीतों की प्रस्तुति दी जाएगी और कठपुतली के खेल के माध्यम से विभिन्न संदेश दिए जाएंगे। वाॅक का समापन 10 बजे रामपुरिया हवेलियों के पास होगा। यहां उस्ता कला, हवेली संगीत और कच्छी घोड़ी का। भी प्रदर्शन किया जाएगा।

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