
बीकानेर,अजित फाउण्डेशन द्वारा आयोजित मासिक संवाद की कड़ी में इतिहासवेता एवं वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी डॉ. नितिन गोयल ने ‘‘इतिहास और उसके स्त्रोतों की प्रासंगिकता:लोकप्रिय या यथोचित’’ विषय पर बोलते हुए कहा कि इतिहास पढ़ने से अच्छे सामाजिक और नैतिक मूल्य विकसित होते है। इतिहास समाज की सामूहिक स्मृति है। इतिहास का ज्ञान सही अर्थों में षिक्षा और राजनीतिक जीवन के लिए प्रशिक्षण हैं। व्यक्तिगत और सामाजिक पहचान की भावना हमारे इतिहास का प्रत्यक्ष प्रमाण है। प्रमुख सामाजिक प्रक्रियाओं के राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अवयवों के व्यस्थित अध्ययन के लिए इतिहास ज्ञान आवष्यक है।
डॉ. गोयल ने कहा कि इतिहास का ज्ञान हमें अतीत के प्रति श्रद्धा एवं राष्ट्र से जुड़ाव की भावना को उन्मुख करता हैं। ऐतिहासिक घटनाओं एवं व्यक्तित्व के योगदान को समझने से प्रकृति एवं समाज में निष्ठा, दृढता, जनकल्याण, समरसता, जैसे मूल्यों को आत्मसात करने में मदद मिलती है। वर्तमान में हम फिल्म जगत या सोशल मीडिया के माध्यम से इतिहास के जिस रूप को पाते है उसे अपनाने से पहले उसका स्त्रोत आधारित अध्ययन करना आवष्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्ष्यता करते हुए इतिहासविज्ञ डॉ. सुनीता स्वामी ने कहा कि इतिहास केवल घटनाओं का क्रम नहीं होता बल्कि उसमें अतीत बोध की मूल्यवान जानकारी सम्मिलित होती है। इतिहास ही हमें तत्कालीन समाज एवं शासन की गतिविधियों का सारगर्भित परिचय करवाता है। इतिहास में पुरातात्विक, अभिलेखागारीय एवं मौखिक स्त्रोतों से ही स्वीकार योग्य अक्षुण जानकारी प्राप्त होती है।
संस्था कार्यक्रम समन्वयक संजय श्रीमाली ने बताया कि हमें अपने शहर के इतिहास को जानना चाहिए। जब हम अपने आस-पास बिखरे इतिहास को जानेगें तो हमें देश एवं काल के इतिहास को जानने की प्रेरणा मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान नदीम अहमद नदीम एवं रामगोपाल व्यास ने अध्यक्ष तथा मुख्य वक्ता को संस्था की तरफ से पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के अंत में संस्था की तरफ से मोहम्मद फारूक चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में स्टूडेंट सोल्यूशन सेन्टर के विद्यार्थी एवं योगेन्द्र पुरोहित, रामगोपाल व्यास, भरत सिंह, जितेन्द्र, भास्कर वैष्णव, बकुल शर्मा, आनन्द छंगाणी, प्रेमनारायण व्यास, मो. साकीर, नदीम अहमद, मनन श्रीमाली, अर्पित ओझा, प्रिया, सपना ओझा, इमरोज नदीम, विनोद शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।