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बीकानेर,न्याय के सबसे बड़े मंदिर में होने वाले ज्यूडिशल प्रोसेस को अब आम जनता भी देख और समझ सकेगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत अपनी सुनवाई प्रक्रिया का लाइव प्रसारण शुरू कर दिया है। ई-गवर्नेंस के तहत सिस्टम में पारदर्शिता और न्यायिक प्रक्रिया को और मजबूत करने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट का यह बड़ा निर्णय है।

सुप्रीम कोर्ट के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। आज से संविधान बेंच के समक्ष होने वाली सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। आज सुप्रीम कोर्ट की तीन संविधान बेंच अलग-अलग मामलों की सुनवाई की। पहली बेंच चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली, दूसरी बेंच जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और तीसरी बेंच जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली रही।

इसमें चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सुनवाई की। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच शिवसेना के मसले की सुनवाई की जबकि जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने आल इंडिया बार एग्जामिनेशन के मामले की सुनवाई की। ऐसे में सर्वोच्च अदालत में चल रही सुनवाई और दलीलों को घर बैठे लोग देख सकेंगे।

*NIC के वेब पोर्टल पर शुरू हुआ प्रसारण*

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जाकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही लाइव स्ट्रीमिंग को देखा जा सकता है। इसके अलावा नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर यानि NIC के वेब पोर्टल पर किया गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जल्द ही वह सुनवाई के सीधे प्रसारण के लिए अपना प्लेटफॉर्म शुरू करेगा। चीफ जस्टिस यूयू ललित ने यह तब कहा जब एक वकील ने कहा कि सुनवाई के यूट्यूब में प्रसारण से कॉपीराइट की समस्या सामने आएगी।

*2018 में दिया गया था ऐतिहासिक फैसला*

26 सितंबर 2018 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व में तीन सदस्यों वाली खंडपीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इस फैसले में खंडपीठ ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जाए। इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे। उसके बाद हाल ही में पूर्व चीफ जस्टिस एनवी रमना के अंतिम कार्यदिवस पर 26 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भारत में कोर्ट सबके लिए खुला रखने की व्यवस्था है। अब लोगों को कोर्ट आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

*मुख्य न्यायाधीश के न्यायालय की होगी लाइव स्ट्रीमिंग*

2018 में लिए गए इस फैसले में स्पष्ट कहा गया है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के न्यायालय में होने वाले संवैधानिक महत्व के मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग होगी। गौरतलब हो कि देशभर के उच्च न्यायालयों और ट्रायल कोर्ट में सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की विनियमित करने के लिए, नियम बनाने के लिए न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट ने पैनल गठित की है।

*डिजिटल इंडिया और ई गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम*

केंद्र सरकार ने 2015 में डिजिटल इंडिया अभियान के तहत देश में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए हैं। आज डिजिटल पेमेंट, डिजिटल खरीदारी, डिजिटल सेवाओं का आदान-प्रदान समेत ऐसे तमाम क्षेत्र हैं जहां से तकनीक का इस्तेमाल कर लोग अपनी जिंदगी आसान बना रहे हैं। न्यायिक प्रक्रिया विशेष तौर पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सुनवाई का सीधा प्रसारण डिजिटल इंडिया अभियान को गति देगा और ई गवर्नेंस की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है।

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