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जयपुर। मुख्यमंत्री पद को लेकर बयानबाजी के बीच हाईकोर्ट ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 18 विधायकों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। नोटिस के जरिए पूछा जाएगा कि कांग्रेस में सुलह होने के आधार पर क्यों न उनकी याचिका को निस्तारित कर दिया जाए। मामले पर अब 25 मई को सुनवाई होगी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव और न्यायाधीश समीर जैन की खंडपीठ ने सोमवार को मोहनलाल नामा के प्रार्थना पत्र पर यह आदेश दिया। सुनवाई के दौरान नामा की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी कहा कि याचिकाकर्ता विधायकों का कांग्रेस के सत्ता में शामिल पक्ष से वर्ष 2020 में राजनीतिक समझौता हो गया। याचिका के जरिए कोर्ट का राजनीतिक फायदे के लिए उपयोग किया गया था। इनमें से कई विधायक अब मंत्री हैं और उनकी मामले को चलाने में रुचि नहीं है। ऐसे में पीआर मीणा व अन्य की याचिका को सारहीन मानते हुए भारी जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए।

सोमवार को सुनवाई के दौरान विधायक पी आर मीना की ओर से अधिवक्ता लोकेश शर्मा ने मामले का निस्तारण मेरिट पर करने का आग्रह किया, वहीं वेदप्रकाश सोलंकी, सचिन पायलट व 16 अन्य विधायकों की ओर से हाजिर हो रहे अधिवक्ता दिव्येश माहेश्वरी ने कहा कि उन्हें इस प्रार्थना पत्र को लेकर कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।

विधानसभा अध्यक्ष की ओर से महाधिवक्ता एम एस सिंधवी और अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल तथा केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी हाजिर हुए। सभी पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने नामा के प्रार्थना पत्र पर पक्ष जानने के लिए पायलट सहित 18 विधायकों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
दो साल से लंबित है याचिका
वर्ष 2020 में प्रदेश में राजनीतिक संकट के बीच विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर नोटिस जारी किए थे। विधानसभा अध्यक्ष की इस कार्यवाही को इन विधायकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर कई दिन तक लगातार सुनवाई चली थी। इस मामले में आम नागरिकों के प्रतिनिधि के रूप में मोहनलाल नामा को पक्षकार बनाया गया था। बाद में दोनों पक्षों के बीच सुलह होने से पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।

इनको जारी किए नोटिस
अदालत ने जिन्हें नोटिस जारी किए हैं, उनमें पायलट के अलावा तत्कालीन विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, सुरेश मोदी, विश्वेन्द्र सिंह, दीपेन्द्र सिंह, भंवरलाल शर्मा, जीआर खटाना, इन्द्राज सिंह, गजेन्द्र सिंह शक्तावत, हेमाराम चौधरी, रामनिवास गावड़िया, अमर सिंह, ब्रजेन्द्र सिंह ओला, मुरारी लाल मीना, मुकेश भाकर, राकेश पारीक, हरीश चन्द मीना और रमेश चन्द मीना शामिल हैं।

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