Trending Now












आप भी देखें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने पैतृक गांव परोंख में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे 5 लाख प्रति महीना तनख्वाह मिलती है, जिसमें से पौने 3 लाख टैक्स चला जाता है, हमसे ज्यादा बचत तो एक टीचर की होती है। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि यह जो बात उन्होंने कही है इसका अर्थ है कि यह जो टैक्स हम देते हैं उससे ही विकास कार्य होना है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह बात सब जानते हैं, इस कारण यह मैं कह सकता हूं कि राष्ट्रपति देश का सबसे अधिक वेतन प्राप्त करना वाला कर्मचारी है। लेकिन वो टैक्स भी तो देता है। हम पौने तीन लाख रुपया महीना टैक्स देते हैं। लेकिन जो मिलता है उसकी तो सब लोग चर्चा करते हैं। लेकिन उसमें से हर महीने पौने 3 लाख निकल जाता है। बचा कितना? जितना बचा उससे अधिक तो हमारे अधिकारियों को मिलता है। ये जो टीचर बैठे हुए हैं न उन्हें सबसे अधिक मिलता है। ष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गांव के एक सामान्य बच्चे के रूप में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होंगे। कानपुर देहात जिले में स्थित अपनी जन्मस्थली परौंख गांव में सभा को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा, “एक सामान्य बच्चे के रूप में मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने का सम्मान मिलेगा लेकिन, हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने इसे पूरा कर दिखाया।” समारोह में आये हुए लोगों के साथ भावनात्मक रिश्ता जोड़ते हुए कोविंद ने कहा, “मैं कहीं भी रहूं, गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के लोगों की यादें हमेशा मेरे दिल में बसी रहेंगी। परौंख गांव, मेरी ‘मातृभूमि’ है, जहां से मुझे देश सेवा करने की प्रेरणा मिलती रही है। जन्मभूमि स्वर्ग से भी बड़ी है।” राष्ट्रपति ने कहा, ”मातृभूमि’ की इस प्रेरणा ने मुझे उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय, उच्चतम न्यायालय से राज्य सभा, राज्य सभा से राजभवन और राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक पहुँचाया है।” राष्ट्रपति कोविंद रविवार की सुबह कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में अपने जन्म स्थान पहुंचे, जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सैलरी तनख्वाह भारत के राष्ट्रपति की तनख्वाह PRESIDENT RAM NATH KOVIND PRESIDENT RAM NATH KOVIND SALARY SALARY SALARY OF THE PRESIDENT OF INDIA

Author